भोपाल: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का कार्य अगस्त के पहले सप्ताह से आरंभ हो जाएगा. राम मंदिर के भूमि पूजन की तारीख 5 अगस्त को निर्धारित की गई है. पीएम मोदी खुद राम मंदिर का भूमि पूजन करने अयोध्या पहुंचेंगे. इससे पहले कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने शंकराचार्य को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास में शामिल नहीं करने को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए बताया है कि किस-किस को राम मंदिर के भूमि पूजन समारोह में शामिल होने की इजाजत मिलनी चाहिए.
मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा है कि, 'हमारी आस्था के केंद्र भगवान राम ही हैं! और आज समूचा देश भी राम भरोसे ही चल रहा है। इसीलिए हम सबकी आकांक्षा है कि जल्द से जल्द एक भव्य मंदिर अयोध्या राम जन्म भूमि पर बने और राम लला वहां विराजें। स्व. राजीव गांधी जी भी यही चाहते थे।' दिग्विजय सिंह ने आगे लिखा कि ''रही बात मुहूर्त की, तो इस देश में 90 प्रतिशत से भी ज्यादा हिन्दू ऐसे होंगे जो मुहूर्त, ग्रह दशा, ज्योतिष, चौघड़िया आदि धार्मिक विज्ञान को मानते हैं। मैं तटस्थ हूँ इस बात पर कि 5 अगस्त को शिलान्यास का कोई मुहूर्त नही है ये सीधे-सीधे धार्मिक भावनाओं और मान्यताओं से खिलवाड़ है।''
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण शुरू किए जाने का स्वागत किया है. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा है कि, ''मैं अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का स्वागत करता हूं. देशवासियों को इसकी काफी दिनों से अपेक्षा और आकांक्षा थी. राम मंदिर का निर्माण प्रत्येक भारतवासी की सहमति से हो रहा है, ये केवल भारत में ही संभव है.''
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