रायपुरः छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में स्थित कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय में नए कुलपति के नियुक्ति को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। सियासी हलकों में इस बात की चर्चा है कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की पत्नी अमृता सिंह इस पद की प्रमुख दावेदार हैं। कहा जा रहा है कि पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह छत्तीसगढ़ के मौजूदा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनीतिक गुरु होने के कारण अमृता सिंह के नाम की चर्चा ब्यूरोक्रेसी में भी रही। राज्यपाल की कुलपतियों के साथ बैठक में यह मुद्दा आया।
इन चर्चाओं के बीच देर शाम अमृता सिंह ने फेसबुक पर इसे चंडूखाने की गप्प करार दिया। अमृता सिंह ने कहा है एक खबर बहुत जोरों से चलायी गई है कि मैंने एक आवेदन दिया है और छत्तीसगढ़ के राज्यपाल से कहा है कि मुझे एक विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर बना दें। पिछले साल मैंने सुना था कि मैं तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ चुनाव लड़ने जा रही हूं। बाद में कभी लोकसभा चुनाव, तो कभी मेयर की लाइन में भी मुझे खड़ा कर दिया गया।
यहां सब कुछ होता रहता है, बस मुझे ही खबर नहीं होती कि मैं क्या करने जा रही हूं। मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ की मीडिया के अधिकतर साथी मेरे व्यक्तिगत संपर्क में रहते हैं। अक्सर बात भी करते रहते हैं, लेकिन जाने क्यों मेरे खुद के मामलों में अंतरयामी बन जाते हैं। मैंने न कोई आवेदन किया है, न ही कोई ऐसा पद मांगने या ग्रहण करने की संभावना है। ये खबर सिर्फ और सिर्फ उस फेक दिव्यदृष्टि का कमाल है, जो तथ्य से परे गप्प गढ़ भी लेती है और प्रचारित कर भी देती है। उन्होंने कहा कि इसमें कुछ भी सच्चाई नहीं है।
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