जानिए क्यों दिलीप वेंगसरकर ने 15 साल के सचिन से कपिल देव को करवाई थी गेंदबाज़ी

जानिए क्यों दिलीप वेंगसरकर ने 15 साल के सचिन से कपिल देव को करवाई थी गेंदबाज़ी
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मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने 1989 में इंटरनैशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था. तेंदुलकर हालांकि अपने डेब्यू से पहले ही भारतीय क्रिकेट जगत में अपना नाम बना चुके थे. टीम इंडिया के पूर्व कप्तान दिलीप वेंगसरकर ने तेंदुलकर को लेकर एक किस्सा शेयर किया है.तेंदुलकर जब मुंबई के स्कूल क्रिकेट टूर्नामेंट्स में गेंदबाजों की जमकर धुनाई कर रहे थे और रनों की बारिश कर रहे थे, उस समय वेंगसरकर टीम इंडिया के कप्तान थे. वेंगसरकर ने तेंदुलकर के खेल की पहली झलक 1988 में देखी थी. टीम इंडिया मुंबई में न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट मैच के लिए प्रैक्टिस करने पहुंची थी. वेंगसरकर के लिए वो टेस्ट मैच काफी खास था, क्योंकि वो उनके करियर का 100वां टेस्ट मैच था. वेंगसरकर ने स्पोर्ट्सकीड़ा के साथ फेसबुक लाइव में कहा, 'मैंने सचिन के बारे में सुना था, क्योंकि वो उस समय स्कूल टूर्नामेंट्स में काफी सारे रन बना रहा था. वो टूर्नामेंट 100 साल पुराने हैं और उन्होंने मुंबई के अलावा भारतीय टीम को कई सारे खिलाड़ी दिए हैं.' पूर्व कप्तान ने कहा, 'उस समय मैं भारतीय टीम का कप्तान था और न्यूजीलैंड के खिलाफ मुंबई में अपना 100वां टेस्ट मैच खेलने जा रहा था. हम वहां प्रैक्टिस कर रहे थे.

हमारे कोच वासुदेव परांजपे सचिन से काफी प्रभावित थे और उन्होंने कहा था इस लड़के को देखना एकदम अलग टैलेंट है.' उन्होंने कहा, 'वे सचिन को मैदान पर ले आए. मुझे उन्हें नेट्स पर बल्लेबाजी करते देखना था. मैंने कपिल देव, अरशद अयूब, मनिंदर सिंह, चेतन शर्मा से गेंदबाजी करने को कहा. उन्होंने कहा कि ये क्या हो रहा है. हम अंडर-15 के लड़के को गेंदबाजी क्यों करें.' वेंगसरकर ने कहा, 'तो मैंने उनसे कहा कि वो स्कूल टूर्नामेंट्स में लगातार रन बना रहा है, इसलिए मुझे उसे बल्लेबाजी करते देखना है. सचिन ने बल्लेबाजी की. वे सभी गेंदबाज जान-माने क्रिकेटर थे, लेकिन फिर भी उन्होंने कहा कि वे गेंदबाजी करेंगे, लेकिन सचिन ने काफी प्रभावित किया. उसने बेहतरीन बल्लेबाजी की.' वेंगसरकर ने बताया कि उन्होंने सचिन को मुंबई टीम में लाने के लिए चयन समिति की बैठक में बात की. उन्होंने कहा, 'उसी शाम को हमारी मुंबई टीम की चयन समिति की बैठक होनी थी. मैंने उसमें हिस्सा लिया. मैंने उन्हें सचिन के बारे में बताया. मैंने उन्हें बल्लेबाजी करते देखा है वो बेहतरीन हैं इसलिए उन्हें 15 सदस्यीय टीम में चुनें.'

दांए हाथ के इस पूर्व बल्लेबाज ने कहा, 'उन्होंने कहा कि यह उनके लिए जल्दबाजी होगी. अगर वो चोटिल हो गए तो हम पर दोष आएगा. इसलिए कुछ दिन इंतजार करते हैं. मैंने उनसे कहा कि आप उन्हें 15 सदस्यीय टीम में रखें ताकि वो टीम के साथ रहें और टीम के वातावरण के बारे में सीख सकें.' वेंगसरकर ने कहा कि सचिन के सामने जैसे ही मौके आते गए वो उनको भुनाते गए और अगले साल भारतीय टीम के लिए चुने गए. उन्होंने कहा, 'दलीप ट्रॉफी में उन्होंने शतक जमाया, ईरानी ट्रॉफी में उन्होंने शतक जमाया. इसके बाद वो 1989 में पाकिस्तान गए. सचिन तेंदुलकर इस तरह से आए, बाकी इतिहास है.'

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