लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक और पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव के देहांत से रिक्त हुई मैनपुरी लोकसभा सीट पर 5 दिसम्बर को उपचुनाव होगा। बीते 33 वर्षों में यह पहली बार है, जब इस सीट पर सपा को चुनौती मिलने का अनुमान जताया जा रहा है। भाजपा हर हाल में जीत के दावे के साथ मैदान में है। आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीट पर हुए पिछले उपचुनाव में जीत से उसके हौसले बुलंद हैं, लिहाजा सपा भी इस किले पर कब्जा बरकरार रखने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती।
चुनाव की तैयारियों के बीच डिंपल यादव आज लखनऊ से सैफई पहुंच रही हैं। सूत्रों का कहना है कि डिंपल कल अपना पर्चा भर सकती हैं। इस बीच अखिलेश यादव ने आज सैफई निवास पर पार्टी के स्थानीय नेताओं और जनप्रतिनिधियों की मीटिंग बुलाई है, जिसमें मैनपुरी की योजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है। बता दें कि रविवार को मुलायम सिंह यादव के भतीजे रणवीर सिंह यादव की पुण्यतिथि भी है। सैफई में उनके समाधि स्थल पर रविवार सुबह शांति यज्ञ रखा गया था। इसमें पूरे यादव कुनबे के साथ अखिलेश यादव भी शरीक हुए थे।
रिपोर्ट के अनुसार, अब से कुनबे में मुलायम की विरासत कायम रहे, इसके लिए सैफई परिवार उपचुनाव के दौरान मैनपुरी में डेरा जमाएगा। मैनपुरी के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव शनिवार को मैनपुरी पहुंच गए थे। पूर्व सांसद तेजप्रताप यादव भी उनके साथ मौजूद रहे थे। पार्टी दफ्तर पर जाकर इन नेताओं ने उपचुनाव की तैयारियों की समीक्षा की और जरूरी दिशा निर्देश दिए। पार्टी ने डिंपल यादव को यहां प्रत्याशी बनाया है। डिंपल सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी हैं, इसलिए डिंपल की जीत ऐतिहासिक हो सपा इस पर पूरी जान लगाएगी।
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