बीजिंग: दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों में गिना जाने वाला चीन लगातार ही नई नई उपलब्धियां हासिल करता जा रहा है। विश्वभर में चीन अपनी सैन्य शक्ति के लिए पहले ही जाना जाता रहा है और अब चीन ने दक्षिणी ध्रुव में अपना पहला स्थाई हवाई अड्डा बनाने का मन बना लिया है। जानकारी के अनुसार इसके बनने से चीन को जहां लाभ होगा वहीं इससे संसाधन समृद्ध अंटार्कटिक महाद्वीप में शोध कर रहे चीनी वैज्ञानिकों को तेजी से आपूर्ति और हवाई सुरक्षा प्रणाली में मदद मिलेगी।
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दरअसल चीन ने दक्षिणी ध्रुव में अपना हवाई अड्डा बनाने की तैयारी वैज्ञानिकों के दृष्टिकोण को देखते हुए की है। यहां बता दें कि चीन के हवाई अड्डा बनने से वह अब अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के क्लब में शामिल हो जाएगा जिनके अंटार्कटिक में पहले से ही एयरपोर्ट हैं। इसके अलावा अंटार्कटिक पर चीन का 35वां अभियान भी रवाना हो गया है और इसका मुख्य उद्देश्य अंटार्कटिक पर हवाई अड्डा बनाना है। यह हवाई अड्डा चीन निर्मित झोंगशान स्टेशन से 28 किलोमीटर दूर बनाए जाने की संभावना है।
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गौरतलब है कि चीन दुनिया के सभी देशों में सबसे आगे रहता है फिर चाहे वह सैन्य शक्ति हो या फिर तकनीक। चीन ने अपने 25वें अभियान के तहत 2009 में अंटार्कटिक पर चार किलोमीटर लंबी और 50 मीटर चौड़ी हवाई पट्टी बना चुका है। वहीं चीन के ध्रुवीय अनुसंधान संस्थान के निदेशक झांग जिया के अनुसार इस एयरपोर्ट पर मध्यम और बड़े विमान उड़ान भरने और उतरने में सक्षम होंगे।
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