अजमेर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अब देश की सीमाओं और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे अहम मुद्दों पर काम करना आरंभ कर चुका है। संघ इसके लिए एक व्यापक कार्य योजना बना रहा है। अहम बात यह है कि संघ की राष्ट्रीय सुरक्षा (National Security) को लेकर बनाई जा रही कार्य योजना में आरएसएस के साथ ही उससे संबंधित सभी 34 आनुषांगिक संगठन भी अपनी भूमिका अदा करते हुए नज़र आएंगे।
राष्ट्रीय सुरक्षा के संकल्प के साथ शनिवार को अजमेर के पुष्कर में संघ की तीन दिवसीय राष्ट्रीय समन्वय बैठक आरंभ हो चुकी है। इस दौरान संघ राष्ट्रवाद और राष्ट्रीय मुद्दों पर निरंतर चिंतन कर रहा है।इस दौरान देश में पाक समर्थित आतंकवाद और कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद बदले स्थितियों के बीच अब संघ देश की सीमाओं की सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मसलों पर मुखर हुआ है।
आरएसएस की इस समन्वय बैठक के एजेंडे में राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे को प्राथमिकता से रखा गया है। शनिवार को बैठक के प्रथम सत्र में 2018 में आंध्र प्रदेश में हुई बैठक में निर्धारित किए गए मुद्दों पर सभी संगठनों ने अपनी उन्नति रिपोर्ट पेश की। वहीं, अन्य सत्रों के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा का मसला ही छाया रहा। इसके साथ ही कश्मीर पर भी चर्चा की गई।
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