किनशासा : कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (डी आर कांगो) में इबोला बीमारी की वजह से 1,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. अधिकारियों की तरफ से दी गई इस जानकारी के साथ ही स्वास्थ्य कर्मियों ने चेताया है कि अशांत क्षेत्र में असुरक्षा के भाव के कारण यह बेहद संक्रामक विषाणु “गहरी चिंता की स्थिति” पैदा कर रहा है.
रिपोर्ट के अनुसार यह महामारी दूसरे सबसे भयावह प्रकोप का रूप धारण कर चुकी है. इससे पहले इस महामारी की वजह से 2014 से 2016 के दौरान पश्चिम अफ्रीका में 11,300 से ज्यादा मौतें हुईं थी. महामारी के प्रकोप को रोकने की कोशिश यहां जारी संघर्षों के कारण तो प्रभावित हो ही रहे हैं लेकिन समुदायों के भीतर एहतियाती उपायों, स्वास्थ्य सुविधाओं और दफनाने के सही तरीकों के प्रति प्रतिरोध भी इसमें बाधा उत्पन्न कर रहे हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार देर शाम के एक बताया है कि, “इस बीमारी से कुल मिलाकर 1,008 मौतें हुई हैं.” विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने शुरु में उम्मीद जताई थी कि वे इस महामारी को रोक सकते हैं. इस दावे के लिए एक नए किस्म के टीके को आधार बनाया गया था. किन्तु पिछले कुछ सप्ताह में डब्ल्यूएचओ के आला अधिकारियों ने माना है कि असुरक्षा, वित्तीय संसाधनों का अभाव और स्थानीय सियासी लोगों की ओर से लोगों को स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ करने से इसे रोकने की कोशिशें गंभीर रूप से प्रभावित हुईं हैं.
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