चेन्नई। तमिलनाडु की महत्वपूर्ण पार्टी एआईएडीएमके के नेताओं के बीच विवाद का मामला अब न्यायालय पहुॅंच गया है। पार्टी में गुटबाजी की जानकारी सामने आई है। दरअसल विधानसभा अध्यक्ष ने टीटीवी दिनाकरन के गुट के 18 विधायकों को अयोग्य करार दिया था। इसके बाद गुट के नेताओं ने मद्रास उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दी और कहा कि, विधानसभा अध्यक्ष ने उनके संवैधानिक अधिकार का हनन किया है।
दिनाकरन की तरफ से बहस करते हुए वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि स्पीकर का आदेश न्याय के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि, यदि मुख्यमंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप हों तो फिर विधायकों को अधिकार है कि, वह मुख्यमंत्री से समर्थन वापस ले सकते हैं। दिनाकरन की ओर से उनके वकील ने कहा कि, पार्टी के विधायकों ने पार्टी के खिलाफ वोटिंग की थी लेकिन उनसे कोई सवाल नहीं किए गए।
पार्टी द्वारा इस मामले में कार्रवाई की जाना चाहिए थी। न्यायालय ने इस मामले में सुनवाई करते हुए अपने आदेश में कहा है कि, 18 विधायकों को अयोग्य ठहराने के, विधानसभा अध्यक्ष के निर्णय पर रोक नहीं लगाई गई है। मगर शक्तिपरीक्षण पर आगामी आदेश तक रोक लगाई जा रही है। अब इस मामले की सुनवाई 4 अक्टूबर को होगी।
गौरतलब है कि तमिलनाडु विधानसभा के अध्यक्ष पी.धनपाल ने सोमवार को दिनाकरन समर्थक 18 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था। अध्यक्ष के इस फैसले से ऐसा माना जा रहा था कि, मुख्यमंत्री ई. पलानीसामी और पन्नीरसेल्वम के नेतृत्व वाले एआईएडीएमके के गुट को सदन में शक्ति परीक्षण के दौरान बड़ी मदद मिल सकती है। अगर सीएम पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं तो वो ऐसा कर सकते हैं। दवे ने कहा कि सरकार का संचालन दिल्ली से किया जा रहा है।
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