नईदिल्ली। श्री रामजन्म भूमि मंदिर और बाबरी मस्जिद को लेकर गहराए विवाद को लेकर, आध्यात्मिक गुरू और आर्ट आॅफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने पहल की है। इस दौरान वे मुस्लिम समुदाय से चर्चा कर रहे हैं। उन्होंने शिया समुदाय से चर्चा करने के साथ ही आॅल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड के पदाधिकारियों से भी बातचीत की है। हालांकि यह बात सामने आई है कि हिंदू व मुस्लिम दोनों ओर से कुछ लोग इस मामले में विवाद कर रहे हैं और वे मध्यस्थता के उद्देश्य को सफल नहीं होने देना चाहते।
हालांकि सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में सुनवाई करते हुए कहा था कि यदि न्यायालय के बाहर दोनों पक्ष सहमत हों तो समझौता हो सकता है और इस मामले का हल निकल सकता है। यदि संबंधित पक्ष चाहें तो न्यायालय मध्यस्थता के लिए किसी व्यक्ति को जिम्मेदारी दे सकता है। मगर यह निर्णय आने के बाद कुछ लोगों ने मध्यस्थता की बातों को नकार दिया था।
गौरतलब है कि अयोध्या के मामले में सर्वोच्च न्यायालय में 14 अपील दायर की गई हैं, जिनमें 8 मुस्लिम पक्षकरों की ओर से व 6 हिंदू पक्षकारों की ओर से दायर की गइ्र थी। यह बात सामने आई है कि जिन हिंदू पक्षकारों ने अपील की है उनकी अपील हिंदू पक्षकारों के विरूद्ध है, अधिकांश अपीलें इसी तरह की हैं जबकि मुस्लिम पक्षकार हिंदू पक्षकारों के खिलाफ अपील कर चुके हैं।
इस मामले में अपीलकर्ता मौलाना महफुजुर्ह रहमान खालिक अहमद खान ने बताया कि स्वामी श्री श्री रविशंकर पहले हिंदू पक्षकारों को एकमत करें, इसके बाद वे मुस्लिम समुदाय से चर्चा करें, हिंदू पक्षकार उनकी चर्चा से सहमत नहीं हैं व वे श्री श्री रविशंकर के विरूद्ध बयानबाजी करने में लगे हैं। इस विवाद में अखिल भारतीय हिंदू महासभा के स्वामी ने भगवान श्री रामलला, विराजमान के विरूद्ध अपील दायर की हुई है।
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