इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की पहली महिला अध्यक्ष के एडमिशन पर उठे सवाल

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की पहली महिला अध्यक्ष के एडमिशन पर उठे सवाल
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इलाहाबाद अब इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में कोहराम मच गया है, लेकिन ये किसी नारे को लेकर नहीं बल्कि एक छात्रा के एडमिशन को लेकर है। पहली महिला छात्र संघ अध्यक्ष ऋचा सिंह के एडमिशन को इलाहाबाद यूनिवर्सिटी ने गलत ठहराया है। इसके बाद ऋचा का दावा है कि यह सब अखिल भारतीय विद्दार्थी परिषद् के कहने पर किया जा रहा है।

सूत्रों के अनुसार, विश्वविद्दालय प्रशासन द्वारा किए गए जांच में ऋचा के दाखिले में गड़बड़ी पाई गई है। यूनिवर्सिटी प्रशासन की लीक हुई जांच रिपोर्ट के मुताबिक ऋचा को मार्च 2014 में डीफिल में आरक्षित सीट पर दाखिला दिया गया था, जो गलत है। जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट वीसी ऑफिस को सौंप दी है, लेकिन वीसी के छुट्टी पर होने की वजह से अभी उस पर कोई फैसला नहीं हो पाया है।

ऋचा ने आरोप लगाया है कि उसे रोहित वेमुला, जेएनयू व एबीवीपी के खिलाफ बोलने के कारण केंद्र के इशारे पर निशाने पर लिया जा रहा है। ऋचा का कहना है कि यदि उसे रिजर्वड सीट पर एडमिशन दिया गया, तो इसमें उसकी नहीं बल्कि यूनिवर्सिटी प्रशासन की गलती है।

ऋचा के एडमिशन में गलती होने का आरोप इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में छात्र संघ के अध्यक्ष चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे रजनीश सिंह ने लगाया है। आजादी के बाद इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में ऋचा पहली महिला अध्यक्ष है।

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