सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक और तमिलनाडु से कहा: जियो और जीने दो

सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक और तमिलनाडु से कहा: जियो और जीने दो
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नई दिल्ली : कर्नाटक और तमिलनाडु को सर्वोच्च न्यायालय ने जियो और जीने दो के सिद्धांत का पालन करने का मशविरा दिया है। दरअसल कावेरी नदी के पानी के बंटवारे को लेकर कर्नाटक और तमिलनाडु न्यायालय में आपस में लड़ रहे थे। मगर अब इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने दोनों को ही आपस में विवाद न कर सही नतीजा निकालने की सलाह भी दी। इसके पहले अपने निर्णय में कावेरी जल विवाद न्यायाधिकरण कावेरी बेसिन से तमिलनाडु के लिए वर्ष में 419, कर्नाटक के लिए वर्ष में 270, केरल के लिए वर्ष में 30 और पुडुचेरी के लिए वर्ष में 7 टीएमसी फीट पानी लेने की बात तय कर चुका है।

इस तरह के निर्देश के बाद यह विवाद लगभग समाप्त हो जाना था मगर फिर भी कर्नाटक और तमिलनाडु जल आपूर्ति के लिए लड़ते हैं। तमिलनाउु में याचिका दायर करते हुए राज्य के 40000 एकड़े क्षेत्र में खड़ी फसल को बचाने हेतु न्यायालय ने कर्नाटक को कावेरी का 50.52 टीएमसी फीट पानी छोड़ने के निर्देश देने की मांग की है। इस मामले में कर्नाटक राज्य का मत है कि वह पहले ही पानी की कमी का सामना कर रहा है।

न्यायालय में सरकार के वकील ने कहा कि यहां बारिश कम हुई है ऐसे में तमिलनाडु के लिए अतिरिक्त पानी देना संभव नहीं है। दूसरी ओर कावेरी जल विवाद न्यायाधिकरण ने भी कर्नाटक को पानी लेने की छूट नहीं दी है। सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने राज्यों को सौहार्द के ही साथ रहने की सलाह भी दी है। इतना ही नहीं इस बारे में कहा गया है कि वे इस बात का अनुमान भी नहीं लगा सकते हैं कि बारिश कितनी होगी, यदि न्यायाधिकरण ने फैसलें में फार्मूला दिया तो कर्नाटक उसे मानने के लिए विवश हो जाएगा। पीठ द्वारा इस तरह की याचिका पर 5 सितंबर को सुनवाई भी करेगी।

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