शिमला: अभी अभी मिली खबर के अनुसार चीन और पाकिस्तान की सीमा से सटे लेह-लद्दाख और कारगिल को जाने वाले सामरिक महत्व के मनाली-लेह मार्ग की दूरी करीब 250 किलोमीटर कम हो जाएगी. इसके लिए 16040 फीट ऊंचे बारालाचा, 17480 फीट ऊंचे तगंलंगला और 18380 फीट ऊंचे खारदुंगला दर्रा पर टनलों का निर्माण किया जाएगा. मनाली से लेह की दूरी 475 किलोमीटर है. सुरंगें बनने से यह दूरी करीब 250 किलोमीटर कम हो जाएगी और मनाली से लेह पहुंचने के लिए भी लगभग दस घंटे कम लगेंगे. टनलों के निर्माण के अलावा मनाली-लेह मार्ग को डबल लेन भी बनाया जाएगा.
जंहा बीते बुधवार को वायु सेना के एमआई-17 से कुल्लू और मनाली में सर्वेक्षण किया गया. आधुनिक विदेशी एंटीना से लैस हेलीकाप्टर ने कुल्लू और मनाली से करीब 15 से 20 किलोमीटर ऊंचाई पर धीमी गति से उड़ान भरते हुए सर्वे किया है. चीन और पाकिस्तान से सटे इलाकों में 12 माह तक यातायात सुचारु रखने के लिए केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय की पहल से राष्ट्रीय राजमार्ग अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड भारतीय वायुसेना की मदद से भूगर्भीय सर्वेक्षण कर रहा है.
वहीं सूत्रों का कहना है कि मनाली से लेह के बीच करीब 4 से 5 दर्रों से गुजरने वाला यह मार्ग बर्फबारी के चलते छह से सात महीने तक बंद रहता है. इस हाईवे को लाहौल तक बारह महीने बहाल रखने के लिए रोहतांग टनल बनाई जा रही है, जिसका निर्माण कार्य अंतिम दौर में है. वर्ष 2020 में 8.8 किलोमीटर लंबी इस टनल को समर्पित किया जाएगा. इसके बाद बारालाचा, तगंलंगला और खारदुंगला दर्रा पर टनलों का निर्माण किया जाएगा. मनाली से लेह के बीच बन रही तीन टनलों के लिए वायुसेना के हेलीकाप्टर से सर्वे किया जा रहा है. बुधवार को हेलीकाप्टर ने टनलों के भूगर्भीय सर्वे के लिए कुल्लू के लिए उड़ान भरी.
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