भारत-पाकिस्तान के बिच सीमा पर होती वारदातों का सबसे बड़ा खामियाजा जम्मू कश्मीर की अवाम भुगतती रही है . ये सिलसिला दशकों से चला आ रहा है. अब अवाम की हिम्मत जवाब दे चुकी है. हाल ही में लगातार चार दिनों से हो रही गोली-बारी ने जम्मू कश्मीर के सीमावर्ती इलाको में रह रहे लोगों के सब्र का बांध टूट गया और अब वे अपने बसे बसाये बसेरो को छोड़ कर कही और जाना चाहते है.
तंग आ चुके लोगों के मुताबिक अबकी बार पाकिस्तान न केवल सरहद के साथ सटे ज्यादा क्षेत्रफल को निशाना बना रहा है बल्कि उसके द्वारा इस्तेमाल किये जा रहे हथियार भी ज्यादा घातक हैं इसके लिए लोगों ने सरकार से मांग की है कि है कि 'अब सरकार उन्हें कहीं और बसाने के इंतजाम करे.' जान और माल पर सदा सर्वदा बने रहने वाले खतरे से अब आम जन त्रस्त हो चूका है.
देश को आजदी मिली मगर लगता है जम्मू-कश्मीर के लोगो को गोला बारूदों की गुलामी मिली है. इसके कारण ये लोग धरती के स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर में भी सुकून से नहीं जी पा रहे है. दो मुल्को की रंजिश के चलते, घातक हथियारों के साये के बीच न उनका कोई भविष्य है न आने वाली पीढ़ियों का.
इस वक्त बॉर्डर खून की होली खेल रही है -महबूबा मुफ्ती
3 दिनों से हो रही गोलीबारी हुई बंद
पाकिस्तान की बेशर्मी का मुँह तोड़ जवाब देती भारतीय सेना