मध्यप्रदेश के इंदौर में कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन ने कुछ निर्णय लिए हैं. इसके अनुसार जनता के स्वास्थ्य हित, लोकशांति बनाए रखने के लिए और सोशल डिस्टेंसिंग के उद्देश्य से सभी गतिविधियों को बंद करने को कहा गया है. इसके साथ ही लोगों की सुरक्षा के लिए आईपीसी की धारा 144 लागू की गई है.
दरअसल, जिला कलेक्टर मनीष सिंह की ओर से जारी इस आदेश में ये कहा गया है कि राज्य के गृह विभाग की ओर से 18 मई को जारी निर्देश के अनुसार जिले के सभी शासकीय, अर्द्धशासकीय या निगम विभागों के कार्यालयों को कम से कम 50 फीसदी सीमा तक कर्मचारियों के उपस्थित रहने की अनुमति दे दी गई है. निर्देश के अनुसार सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के कार्यालय की ओर से जारी किए गए परिचय पत्र को कर्फ्यू पास के रूप में स्वीकार किया जाएगा. इसके साथ ही समय-समय पर जारी होने वाले शासन के निर्देशों का पालन करना और चिकित्सा मानकों का पालन करना अनिवार्य होगा.
बता दें की सभी कर्मचारियों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरुरी होगा और मास्क पहनने के साथ सैनिटाइजर ग्लव्स का उपयोग करना होगा. इन कार्यालयों के अधिकारियों की उपस्थिति 100 फीसदी रहेगी. आदेश का उल्लंघन दंडनीय अपराध की श्रेणी में आएगा. वहीं, इसके साथ ही जिला कलेक्टर ने एक अन्य आदेश में कहा है कि नगर निगम सीमा क्षेत्र में कोरोना वायरस के प्रसार की स्थिति को देखते हुए लॉकडाउन के दौरान लोगों का घर में रहना अनिवार्य होगा. लोगों की सुविधा के लिए दूध, किराना, सब्जी, फल और इलेक्ट्रॉनिक्स का सामान घर-घर पहुंचाने की व्यवस्था पहले से ही चल रही है. वहीं, शहर में कर्फ्यू वाली स्थितियों में ऑनलाइन सामान बेचने वाली संस्थाएं ऑनलाइन और फोन कॉल से बुकिंग लेकर घर-घर भोजन वितरण इस प्रकार से कर सकती हैं जिससे शहरवासियों को उनके घर पर ही भुगतान के आधार पर सामग्री मिल सके. हालांकि, जिन संस्थाओं को इसकी अनुमति दी जा रही है उन्हें इंदौर होटल्स एसोसिएशन से चर्चा कर होटल या रेस्टोरेंट का चयन करना होगा.
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