बैंगलोर: कर्नाटक चुनाव के समय कांग्रेस ने वादा किया था कि, यदि वो सत्ता में आई तो बजरंग दल से सख्ती से निपटेगी और उसे बैन भी करने पर विचार करेगी। अब जब कांग्रेस सत्ता पर काबिज है, तो सरकार के अधीन कर्नाटक पुलिस ने बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के खिलाफ एक्शन लेना शुरू कर दिया है। राज्य के पुत्तूर के उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (SDM) गिरीश नंदन ने दक्षिण कन्नड़ जिले में पांच बजरंग दल कार्यकर्ताओं के खिलाफ निर्वासन नोटिस जारी किया है। पुलिस का कहना है कि, ये नोटिस सांप्रदायिक झड़पों, गाय तस्करी से संबंधित हमले के मामलों, नैतिक पुलिसिंग और अन्य मामलों में उनकी (कार्यकर्ताओं) कथित संलिप्तता के कारण जारी किए गए हैं।
गुरुवार (16 नवंबर) को रिपोर्ट में बताया गया है कि, पुलिस ने नोटिस में नामित व्यक्तियों- दिनेश, प्रज्वल, लतेश गुंड्या, निशांत और प्रदीप से नोटिस भेजकर पूछा है कि उन्हें दूसरे जिलों में क्यों नहीं भेजा जाना चाहिए। लतेश गुंड्या पुत्तूर जिले में बजरंग दल के सह-संयोजक हैं और प्रज्वल और दिनेश बजरंग दल में तालुक स्तर के पद पर हैं, जबकि अन्य दो सामान्य कार्यकर्ता हैं। SDM ने उन्हें 22 नवंबर को पुत्तूर में सहायक आयुक्त के सामने पेश होने का निर्देश दिया है, जहां उन्हें बताना होगा कि उन्हें जिले से क्यों नहीं निष्कासित किया जाना चाहिए। कर्नाटक पुलिस अधिनियम, 1953 की धारा 55 के तहत जारी नोटिस में कहा गया है कि एक बार जब वे प्राधिकरण के सामने पेश होंगे, तो उन पर एक साल के लिए निष्कासन आदेश लगाया जाएगा, जिससे उन्हें उस अवधि के दौरान जिले में प्रवेश करने से रोका जा सकेगा।
पहले भी बजरंग दल कार्यकर्ताओं को निष्काषित कर चुकी है कांग्रेस सरकार:-
बता दें कि, यह इस तरह की कार्रवाई का यह पहला मामला नहीं है। इस साल जुलाई में, बजरंग दल के तीन कार्यकर्ताओं को एक कानूनी आदेश के माध्यम से मंगलुरु शहर से निर्वासित किया गया था। हालाँकि, बजरंग दल ने इस कार्रवाई के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील की थी, जिसके परिणामस्वरूप आदेश पर रोक लगा दी गई थी।
ईद पर बजरंग दल को प्रियांक खड़गे ने दी थी चेतावनी :-
बता दें कि, मुस्लिमों के त्यौहार बकरीद (28-29 जून 2023) से पहले कर्नाटक की कांग्रेस सरकार में मंत्री और पार्टी सुप्रीमो मल्लिकार्जुन खड़गे के पुत्र प्रियांक खड़गे ने गौरक्षकों को स्पष्ट चेतावनी दी थी। खड़गे ने पुलिस अफसरों से कहा है कि वो गौ रक्षा में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें और उन्हें लात मारकर जेल में डालें। दरअसल, कई बार देखने में आया है कि, मुस्लिम समुदाय के लोग ईद पर गाय काट देते हैं, जो हिन्दुओं में पूज्य मानी जाती है। बजरंग दल के कार्यकर्ता इसी को रोकने के लिए गौतस्करों को पकड़ने की कोशिश करते हैं, कई बार इसमें झड़प भी होती है। कर्नाटक पुलिस ने भी बजरंग दल के कार्यकर्ताओं पर यही आरोप लगाया है कि, वे कथित रूप से गाय परिवहन से जुड़े हमलों में शामिल थे, और उन्हें जिलाबदर होने का नोटिस थमा दिया गया है। यह भी ध्यान रहे कि, कर्नाटक कांग्रेस सरकार में पशुपालन मंत्री वेंकटेश खुद कह चुके हैं कि, 'जब भैंस काट सकते हैं तो गाय क्यों नहीं ?' साथ ही वो गौहत्या रोकने के लिए बने कानून को भी बदलने का संकेत दे चुके हैं, उन्होंने कहा था कि, हम इस कानून पर विचार करेंगे और फिर फैसला लेंगे।
Vijayapura Mulla, In Karnataka making peaceful EID Speech : Will sacrifice Cow during Bakrid, and will sacrifice Shaitan( BJP MLA B S Yatnal) too if it opposes Cow slaughter. ....This extraordinarily peaceful speech he makes in front of Cong Minister Shivananda Patil. pic.twitter.com/lApyMjptkf
— VADIRAJ C S ???????? (@vschanna) June 17, 2018
अब ऐसे में ये तो स्पष्ट है कि, कर्नाटक में कहीं भी यदि गौतस्करी होती है, या गाय काटी जाती है तो, तो गौरक्षक उसे चुपचाप देखें, वरना मंत्री के आदेशानुसार उन्हें लात मारकर, जेल में डाल दिया जाएगा। क्योंकि, राज्य के मौलवी तनवीर हाश्मी तो कांग्रेस मंत्री शिवानंद पाटिल के सामने ही खुलकर कह चुके हैं कि, 'वे गाय काटेंगे' और मंत्री राज्य में गौरक्षा का कानून होने के बाद भी मौलवी का बयान सुनते रहे थे। यानी ये तो स्पष्ट है कि, कर्नाटक में गाय काटने वालों पर कार्रवाई की संभावना न के बराबर है और यदि बजरंग दल के गौरक्षकों ने खुद गाय कटने से रोकने का प्रयास किया, तो उनपर कार्रवाई हो सकती है, लात मारकर जेल में डालने वाली या जिलाबदर वाली। शायद तुष्टिकरण की राजनीति इसी को कहते हैं।
अचानक चलती कार में लग गई आग, फिर आने लगी फटने की आवाज, अंदर देखा तो उड़ गए होश
केस की सुनवाई के दौरान MP हाईकोर्ट के जज की टिप्पणी, कहा- 'पढ़े-लिखे लोग पीते हैं scotch whiskey...'
जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता, एनकाउंटर में लश्कर के 5 आतंकियों को किया ढेर