दिवाली का पर्व 5 दिनों तक चलता है और इस पर्व को सभी खूब पसंद करते हैं. इस पर्व में धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दिवाली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज मनाए जाते हैं और इन सभी में सबसे ख़ास दिवाली का दिन माना जाता है. ऐसे में धनतेरस से भाई दूज तक मंदिरों और घरों को रंग बिरंगी खूबसूरत लाइटों से सजाया जाता है और ऐसे दिनों में बाजारों की रौनक भी खूब बढ़ जाती है. तो आइए जानते हैं कौन सा दिन कब है और क्या है उसके शुभ मुहूर्त.
धनतेरस - आपको बता दें कि धनतेरस के दिन सौभाग्य और सुख की वृद्धि के लिए मां लक्ष्मी और कुबेर की पूजा की जाती. इसी के साथ धार्मिक शास्त्रों की माने तो इस दिन धनवंतरी का जन्म हुआ था इसलिए इसे धनतेरस कहते हैं. कहा जाता है धनतेरस की शाम परिवार की मंगलकामना के लिए यम नाम का दीपक जलाया जाता है.
धनतेरस- शुक्रवार, 25 अक्टूबरशुभ मुहूर्त
19:10 से 20:15 तक
प्रदोष काल-17:42 से 20:15 तक
वृषभ काल-18:51 से 20:47 तक
दिवाली - आपको बता दें कि इस दिन घर में लक्ष्मी-गणेश की पूजा की जाती है. इसी के साथ मां लक्ष्मी की पूजा से घर में सुख-समृद्धि आती है और इस दिन कई शुभ मुहूर्त होते हैं.
दिवाली- रविवार, 27 अक्टूबर
लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त
18:44 से 20:15 तक
प्रदोष काल- 17:40 से 20:14 तक
वृषभ काल- 18:44 से 20:39 तक
भाई दूज - दिवाली के बाद भाई दूज का पर्व मनाते हैं और यह महापर्व का आखिरी पर्व होता है. ऐसे में भाई दूज के दिन बहनें अपने भाईयों के माथे पर तिलक लगाकर उनकी आरती करती हैं और भाई की लंबी उम्र और अच्छे भविष्य की कामना करती हैं.
भाई दूज- मंगलवार, 29 अक्टूबर
भाई दूज तिलक का समय- 13:11 से 15:25 तक
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