एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट की मानें तो 2015-16 में तमिलनाडु की द्रविड़ मुन्नेत्र कझगम (डीएमके) 77.63 करोड़ रुपये की आय के साथ सबसे धनी पार्टी बन गई है . वहीँ 54.93 करोड़ रुपये की आय के साथ ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुन्नेत्र कझगम (एआईएडीएमके) दूसरे नंबर पर रही .जबकि सालाना आय 15.97 करोड़ रुपये के साथ तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) तीसरे नंबर पर रही. इस तरह इस सूची में दक्षिण भारतीय पार्टियों का दबदबा कायम रहा .
उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग ने 2014 में राजनीतिक दलों के लिए वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट सौंपना अनिवार्य कर दिया था. हालांकि, 2015-15 में 47 क्षेत्रीय दलों में से केवल 32 दलों ने ही चुनाव आयोग को अपनी ऑडिट रिपोर्ट सौंपी थी. वहीँ 2015-16 में सपा और राजद सहित 15 क्षेत्रीय दलों ने यह ब्यौरा नहीं दिया था.
बता दें कि 2015-16 में 32 क्षेत्रीय दलों को कुल 221.48 करोड़ रुपये की आय हुई, जिसका लगभग 67 फीसदी हिस्सा डीएमके, एआईएडीएमके और टीडीपी के खाते में गया. एडीआर के अनुसार ये 32 क्षेत्रीय दल 2015-16 में अपनी कुल आय में से 111.48 करोड़ रुपये ही खर्च कर पाए और 110 करोड़ रुपये उनके पास शेष रह गए. 14 क्षेत्रीय दल ऐसे भी थे, जिन्होंने अपनी आय से कहीं ज्यादा खर्च किया .जबकि 2015-16 में जनता दल-यूनाइटेड (जदयू), राष्ट्रीय लोक दल और झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) का खर्च उनकी कुल आय का दुगुना था.
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