लखनऊ: उत्तर प्रदेश के देवरिया में जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) अखंड प्रताप सिंह के खिलाफ वकीलों का चल रहा विरोध प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है। वकीलों का आंदोलन सोमवार को भी जारी रहा। हड़ताल के 13वें दिन प्रदर्शनकारियों ने डीएम की प्रतीकात्मक शवयात्रा निकाली और उनका पुतला फूंका। भारी पुलिस बल की मौजूदगी के बावजूद वे प्रदर्शनकारी वकीलों को रोकने में नाकाम रहे। सिविल कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सिंहासन गिरि और कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय मिश्रा के नेतृत्व में सैकड़ों वकीलों ने डीएम के तबादले की मांग को लेकर नारेबाजी की।
उन्होंने डीएम का पुतला लेकर कोर्ट परिसर का चक्कर लगाया और सिविल लाइन रोड पर उसे आग के हवाले कर दिया। गिरि ने घोषणा की कि जब तक डीएम का तबादला नहीं हो जाता और उनके खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं हो जाती, तब तक विरोध जारी रहेगा। देवरिया में जमीन की पैमाइश को लेकर 19 जून को विवाद शुरू हुआ था। बरहज तहसील क्षेत्र के पुरैना शुक्ल निवासी अधिवक्ता जयशिव शुक्ला के खेत के एक हिस्से पर लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की सड़क बनाई गई थी। जब सिंहासन गिरि ने सड़क हटाने के बारे में डीएम से संपर्क किया, तो उनके बीच तीखी बहस हुई, जिसके बाद हाथापाई हुई।
इसके बाद वकीलों का एक बड़ा समूह डीएम के चैंबर में घुस गया, जिससे हंगामा मच गया। गिरि ने डीएम पर अपनी स्थिति जानने के बावजूद अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाया। डीएम से माफ़ी मांगने के लिए कहा गया, लेकिन उन्होंने मना कर दिया, जिसके बाद गिरि ने कसम खाई कि जब तक माफ़ी नहीं मांगी जाती, तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।
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