हिंदू धर्म में पितृ पक्ष सबसे ख़ास होता है और इस बार भाद्रपद मास की पूर्णिमा 13 सितंबर को हैं. ऐसे में इस दिन से पितृ पक्ष की भी शुरुवात हो जाएगी और 14 सितंबर की सुबह आठ बजकर 41 मिनट पर यह खत्म हो जाएगा. वहीं इसके बाद सुबह आठ बजकर 42 मिनट से अश्विन प्रतिपदा की शुरू हो जाएगा. प्रतिपदा का श्राद्ध व तर्पण शुरू होगा और ज्योतिष के मुताबिक यह पखवारा 15 दिनों तक चलेगा और इसकी समाप्ति 28 सितंबर की रात 12 बजकर 20 मिनट पर होगी.
मिली जानकारी के अनुसार 15 दिनों तक चलने वाले पितृ पक्ष के आखिरी दिन अमावस्या को सर्व पितृ विसर्जन कर देंगे. ऐसे में इस बार शनि अमावस्या भी इस अमावस्या से मिली है और 28 सितंबर की मध्य रात्रि 12 बजकर 21 मिनट के बाद से शारदीय नवरात्र की शुरूवात होने वाली है. वहीं 29 सितंबर की सुबह सूर्योदय अश्विन मास में ही होगा और इसी वजह से रविवार की सुबह एकम तिथि को शारदीय नवरात्र की शुरूवात मानी जाती हैं. अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं पितृ पक्ष से जुड़ी कुछ खास बातें, जो पितृ पक्ष में करना चाहिए और नहीं करना चाहिए.
* जी दरअसल हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार जो लोग अपने पूर्वजों का श्राद्ध या फिर तर्पण करते हैं उन्हें पितृ पक्ष में 15 दिनों तक बाल नहीं कटवाने चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से पितृ देव नाराज हो सकते हैं.
* पितृ पक्ष में पूर्वज किसी भी वेष में अपरा भाग लेने आ सकते हैं इसलिए दरवाजे पर कोई भी भिखारी आए तो उसे खाली हाथ नहीं लौटाना चाहिए क्योंकि इन दिनों किया गया दान पूर्वजों को तृपित कर देता है.
* पितृ पक्ष के दिन भारी होते हैं ऐसे में कोई भी नया काम या फिर नई चीजों को नहीं खरीदना चाहिए, और इनमे कपड़े, वाहन, मकान सब शामिल हैं.
* पितृ पक्ष में पीतल या तांबे के बर्तन ही पूजा, तर्पण आदि के लिए इस्तेमाल करना चाहिए, वहीं लोहे के बर्तनों को अशुभ मानते हैं.
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