नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में शिक्षकों के लिए एक नया फरमान जारी हुआ है, जिसमे साफ़ कहा गया है कि ना कोई टीचर आलोचना करेगा और ना प्रदर्शन। दिल्ली नगर निगम (MCD) के रोहिणी जोन के शिक्षा विभाग ने यह आदेश शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए जारी किया है। विभाग ने कहा है कि शिक्षक और स्टाफ किसी किस्म का कोई प्रदर्शन/हड़ताल नहीं करेंगे। इसके अलावा वो सोशल मीडिया पर भी विभाग की कोई आलोचना नहीं करेंगे।
आधिकारिक आदेश में यह भी कहा गया है कि यदि कोई स्टाफ इनमें से किसी भी गतिविधि में लिप्त मिला, तो उसपर सख्त ऐक्शन लिया जाएगा। 22 जनवरी को इस संबंध में जारी की गई अधिसूचना में कहा गया है कि, 'यदि कोई कर्मचारी हड़ताल/मास कैजुअल लीव/काम का बहिष्कार आदि या सोशल मीडिया या प्रेस में दिल्ली के शिक्षा विभाग की आलोचन करता पाया गया, तो उसपर कड़ी कार्रवाई होगी।' नोटिस में कहा गया है कि इस प्रकार की गतिविधियां नियमों के विरुद्ध हैं। इस नोटिस में तमाम स्कूलों के प्रमुखों से कहा गया है कि विभाग अपने कर्मचारियों को निर्देश देता है कि वो गैर-पंजीकृत एसोसिएशन से अपने आप को दूर करें। क्योंकि वो सोशल मीडिया पर या प्रेस से बातचीत कर शिक्षा विभाग की छवि धूमिल कर रहे हैं।
रोहिणी जोन में MCD के स्कूलों के शिक्षकों और कर्मचारियों से यह भी कहा गया है कि वो काम के बहिष्कार से संबंधित किसी भी प्रदर्शन में ना जाएं। इसके साथ ही वो एक साथ अत्यधिक कैजुअल लीव ना लें। दिल्ली में शिक्षकों को यह आदेश ऐसे समय में जारी हुआ है, जब हाल ही में MCD के शिक्षा विभाग की ऑडिट रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि MCD के स्कूलों में पढ़ने वाले करीब 49 फीसदी छात्रों को विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत मिलने वाले फायदे नहीं मिले हैं। इस ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि छात्रों को वर्ष 2016-17 से 2022-2023 तक योजनाओं का लाभ इसलिए नहीं मिला, क्योंकि उनके बैंक खाते ही नहीं थें, इसलिए उनके खातों में पैसे ही नहीं भेजे गए।
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