सनातन धर्म में सुख, सौभाग्य एवं अच्छे स्वास्थ्य को पाने के लिए हर दिन स्नान करना आवश्यक बताया गया है। हिंदू मान्यता के मुताबिक, नहाने पर एक व्यक्ति न केवल तन से बल्कि मन से पवित्र हो जाता है। शास्त्रों में स्नान को लेकर बोला गया है कि अगर आप किसी अंतिम संस्कार में जाते हैं अथवा बाल या दाढ़ी कटवाते हैं या फिर सूर्य ग्रहण या चंद्रग्रहण ख़त्म होता है तो उसके पश्चात् आपको स्नान अवश्य करना चाहिए। इसी तरह कुछेक चीजें ऐसी भी बताई गई हैं जिसके तहत आदमी को बिना स्नान किए वो काम भूलकर भी नहीं करना चाहिए।
बिना नहाए न करें ये काम:-
* नहाए बिना किचन के भीतर न जाएं तथा न ही भोजन बनाएं।
* नहाए बिना न तो भोजन बनाना चाहिए तथा न ही भोजन करना चाहिए।
* नहाए बिना भूलकर भी अपने बालों में कंघी नहीं करना चाहिए।
* नहाए बिना भूलकर भी पूजा स्थान, धन स्थान और तुलसी जी को छूना नहीं चाहिए।
स्नान से जुड़े जरूरी नियम:-
* सनातन धर्म शास्त्र के मुताबिक, सूर्योदय से पहले स्नान करना बेहद शुभ माना गया है।
* नहाते वक़्त व्यक्ति को अगर संभव हो तो प्रतिदिन अथवा तीज-त्योहार पर नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल डालकर स्नान करना चाहिए।
* सनातन धर्म के मुताबिक, व्यक्ति को हमेशा पवित्र नदियों का स्मरण करते हुए ‘गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति, नर्मदे सिन्धु कावेरी जलऽस्मिन्सन्निधिं कुरु’ मंत्र का मन में जप करना चाहिए।
* परम्परा है कि कभी भी किसी व्यक्ति के नहाने के पश्चात् बचे पानी या फिर उसके द्वारा कुएं या हैंडपंप से निकाले गए पानी से नहीं नहाना चाहिए।
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