आज हम आपको कुछ ऐसे कामों के विषय में बताएँगे, जिन्हें करने से स्त्री हो या पुरुष दोनों को ही मुसीबतों का सामना करना पड़ता है व समाज में अपमानित भी होना पड़ता है. इन कामों का उल्लेख महाभारत रामायण व गरुड़ पुराण में भी किया गया है. तो आइये जानते हैं कौन से हैं ये काम?
असत्य बोलना - शास्त्रों में इस बात का उल्लेख किया गया है, की व्यक्ति को कभी भी असत्य नहीं बोलना चाहिए. क्योंकि असत्य अधिक दिनों तक छिपा नहीं रह सकता. जिस प्रकार महाभारत काल में अस्त्र-शस्त्र का ज्ञान प्राप्त करने के लिए कर्ण ने परशुराम से असत्य कहा की वह एक ब्राम्हण है. लेकिन जब परशुराम को सत्य का ज्ञान हुआ, तो उन्होंने कर्ण को श्राप दे दिया, की जब कभी तुम्हे इन अस्त्र शस्त्र की सबसे अधिक आवश्यकता होगी तुम इसे चलाना भूल जाओगे. इसी श्राप के कारण कर्ण महाभारत के युद्ध में अर्जुन के समक्ष इन अस्त्र शस्त्र को चलाना भूल गया था और अर्जुन के हांथों मारा गया था.
किसी को धोखा देना – व्यक्ति को कभी भी किसी को धोखा नहीं देना चाहिए. क्योंकि दुर्योधन और शकुनी के धोखे और कपट के कारण ही महाभारत का भीषण युद्ध हुआ, जिसकी वजह से समस्त कौरवों का नाश हो गया था.
जीव हत्या करना – शास्त्रों में कहा गया है, कि किसी भी जीव की हत्या करना घोर पाप है, जिसके कारण व्यक्ति को नर्क में यातनाएं भोगना पड़ता है और इसके कारण समाज में व्यक्ति को हीन भावना से देखा जाता है.
अहंकारी व्यक्ति – व्यक्ति को कभी भी किसी चीज का अहंकार नहीं करना चाहिए. क्योंकि अहंकार व्यक्ति को पाप के मार्ग पर लेकर जाता है, जिसका परिणाम दुखद होता है. जिस प्रकार रावण और दुर्योधन अपने अहंकार के वशीभूत होकर पाप कर्म करते रहे और अंत में उन्हें अकाल मृत्यु प्राप्त हुई.
भाभी-ननद के झगड़े की शुरुआत हुई थी शिव जी के परिवार से शुरू
तो इस वजह से हमेशा शेर की खाल लपेटे रहते हैं भगवान शिव
तो इसलिए भगवान जगन्नाथ की मूर्ति की हथेली नहीं है
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