नई दिल्ली: एक तरफ बढ़ रहा कोरोना का कहर अब इतना बढ़ चुका है. कि हर तरफ केवल तवाही का मंज़र देखने को मिल रहा है. जंहा अब तक इस वायरस से मरने वालों कि संख्या 2 लाख 17 हजार से अधिक हो चुकी है. वहीं अभी भी लोगों में इस वायरस का खौफ फैला हुआ है. वहीं इस बीमारी से लड़ने के लिए अब भी डॉक्टर इलाज़ खोज रहे है. वहीं अभी तक जितने शोध सामने आए हैं उनमें ये बात सामने आ चुकी है कि कुछ मरीजों में इस वायरस के शुरुआती लक्षण दिखाई नहीं देते हैं. इसलिए ऐसे लोग समाज और दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं.
जानकारी के लिए आपको बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चीन में इसके कहर के बाद ही इसके लक्षणों को लेकर खुलासा किया था. इसके मुताबिक खांसी, जुकाम और बुखार इसके शुरुआती लक्षण हैं. ऐसा होने पर संगठन ने तुरंत अस्पताल में दिखाने की सलाह दी थी. लेकिन अब अमेरिका के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम विभाग (सीडीसी) ने इसमें कुछ और लक्षण जोड़ दिए हैं. जंहा इसके अलावा कनाडा के केनेडियन पेडिएट्रिक सर्विलांस प्रोग्राम (Canadian Paediatric Surveillance Program (CPSP) ने डॉक्टरों और मरीजों को चेताया है कि बच्चों के पांव पर उभरे नीले या बैंगनी रंग के निशान कोराना वायरस के लक्षण हो सकते हैं. लिहाजा इन्हें नजरअंदाज न करें. चिकित्सकों ने इसे ‘कोविड टोज' नाम दिया है.
सीडीसी के मुताबिक कोरोना वायरस के मरीजों में जो लक्षण शुरुआत में बताए गए थे उनमें कुछ दूसरे लक्षणों पर भी अब ध्यान देने की जरूरत है. सीडीसी ने दुनिया के डॉक्टरों और लोगों को सतर्क करते हुए चेतावनी दी हैकि यदि किसी व्यक्ति को सिरदर्द, कंपकंपी, गले में खराश, मांसपेशियों में तनाव और मुंह का स्वाद बिगड़ने या सूंघने की क्षमता कमजोर होती लगे तो इसको किसी भी सूरत से हल्के में न लें. ऐसी कोई भी शिकायत होने पर तुरंत चिकित्सक की सलाह लें या कोरोना वायरस का टेस्ट करवाने अस्पताल पहुंच जाएं.
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