पितृ पक्ष का आरंभ 29 सितंबर 2023 से हो चूका है. श्राद्ध पक्ष को पितृ पक्ष भी बोला जाता है। भाद्रपद मास की पूर्णिमा से लेकर आश्विन मास की अमावस्या तक ये दिन हमारे पितरों को समर्पित होते हैं। परम्परा है कि इस के चलते हमारे पूर्वज पितृलोक से पृथ्वी लोक पर आते हैं। पितृ पक्ष के चलते कौए की महत्वत्ता बहुत बढ़ जाती है। कौओं को पितरों का प्रतीक कहा जाता है तथा उनको ग्रास देने की प्रथा है। परम्परा है कि यदि इस बीच कौआ आपका ग्रास चख ले तो वो सीधा पितरों को प्राप्त होता है। इसे पितरों की ख़ुशी तथा संतुष्टि का संकेत माना जाता है। इसके अतिरिक्त भी पितृ पक्ष के चलते कुछ ऐसे संकेत प्ताप्त होते हैं, जिन्हें बहुत शुभ माना जाता है। जानिए इन संकेतों के बारे में।
पितृ पक्ष में मिलने वाले शुभ संकेत:-
* श्राद्ध पक्ष के चलते यदि कौआ चोंच में सूखा तिनका लाते हुए दिखाई दे आए तो इसे धन लाभ का संकेत माना जाता है।
* कौआ यदि मकान की छत पर बैठे अथवा हरे भरे पेड़ पर बैठे तो इसका अर्थ है कि आपके घर पर पितरों का आशीर्वाद है तथा आपके घर सुख समृद्धि बनी रहेगी।
* पितर पक्ष के चलते आपको अपने घर के आसपास कौआ फूल-पत्ती मुंह में दबाकर नजर आए, तो इसका अर्थ है कि आपके पितर आपसे खुश हैं। ऐसे में आप उनसे जो भी मांगेंगे, उनके आशीर्वाद से आपके मनोरथ सिद्ध होंगे।
* अगर गाय की पीठ पर चोंच को रगड़ते हुए कौआ नजर आए, तो ये घर में खुशहाली तथा उत्तम भोजन की प्राप्ति का संकेत है। वहीं यदि कौआ सुअर की पीठ पर बैठा नजर आए, तो इससे काफी सारे धन की प्राप्ति होती है।
* धूल में लोटपोट होते हुए कौआ नजर आए, तो इसका अर्थ है कि वहां रहने वालों के घर पर धन का आगमन शीघ्र ही होगा तथा कौआ अनाज के ढ़ेर पर बैठा मिले, तो ये भी समृद्धि का प्रतीक है।
* अगर कौआ ग्रास को खाकर उड़कर कुएं की पाल पर या नदी तट पर बैठ जाए तो इसका मतलब है, कि कोई खोई हुए अनमोल चीज आपको प्राप्त हो सकती है। इसके अतिरिक्त ये मुकदमे में जीत और धन-धान्य में भी वृद्धि का भी संकेत है।
* अगर कौआ बाईं तरफ से आकर खाना खाता है तो यात्रा बगैर रुकावट के संपन्न होती है। वहीं कौआ पीठ की ओर से आता है तो प्रवासी को फायदा मिलता है।
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