नाक में एलर्जी और साइनस के मामलों को अक्सर लोग मामूली समस्या मान लेते हैं, लेकिन कभी-कभी ये समस्याएँ गंभीर हो सकती हैं और आंखों की रोशनी को भी प्रभावित कर सकती हैं। हाल ही में, सर गंगाराम हॉस्पिटल में 27 वर्षीय डॉ. आरजी ने अपनी दाईं आंख में रोशनी कम होने की शिकायत की। उन्हें पिछले तीन महीनों से दाईं ओर नाक में साइनस की समस्या थी।
अस्पताल में उनकी जांच की गई और सीटी स्कैन द्वारा साइनस की स्थिति का पता लगाया गया। डॉ. आरजी को नाक के पॉलिप्स और फंगल साइनुसाइटिस की समस्या थी, जिसने स्फेनोइड साइनस के अंदर ओप्टिक नर्व (Optic Nerve) पर दबाव डाला था। इस स्थिति में अगर तुरंत इलाज न किया जाए, तो प्रभावित आंख में पूरी तरह से अंधापन हो सकता है।
इलाज के लिए उन्हें IV एंटीबायोटिक्स और स्टेरॉयड दिए गए, जिससे ओप्टिक नर्व पर दबाव में सुधार हुआ। इसके बाद, आपातकालीन सर्जरी के दौरान एंडोस्कोपिक ऑप्टिक नर्व डीकंप्रेशन किया गया। सर्जरी के दौरान, फंगस को स्फेनोइड साइनस में ओप्टिक नर्व और दिमाग की परत के बीच फैलते हुए देखा गया। डॉक्टरों ने इलाज के बाद सूजन को पूरी तरह से हटाया और बीमारी को ठीक किया।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह की सर्जरी अत्यधिक चुनौतीपूर्ण होती है क्योंकि ओप्टिक नर्व बहुत नाजुक होती है। सर्जरी के दौरान, उपकरणों का इस्तेमाल किया गया जिससे नर्व के प्रभावित हिस्से पर दबाव न पड़े और सूजन को पूरी तरह से हटाया जा सके। सर्जरी के तुरंत बाद उनकी आंखों की रोशनी में सुधार हुआ।
डॉ. वरुण राय ने बताया कि साइनस बड़ी समस्याएँ पैदा कर सकती है और इन मामलों में तुरंत इलाज आवश्यक होता है। उन्होंने कहा कि सर्जन के पास अंधेपन के मामलों में आंख को बचाने के लिए कुछ ही घंटे होते हैं।
साइनस की समस्या में वृद्धि का एक कारण बढ़ता प्रदूषण भी है, जो नाक में एलर्जी का कारण बनता है और आमतौर पर मरीज नाक में जकड़न और डिस्चार्ज की शिकायत के साथ डॉक्टर के पास आते हैं।
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