रायपुर: छत्तीसगढ़ की 'महतारी दुलार योजना' पर राजनीति आरम्भ हो गई है। पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने भूपेश सरकार पर हमला बोलते हुए अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा है- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, आपसे निवेदन करता हूं कि जिन योजनाओं से आप छत्तीसगढ़ का हित नहीं कर सकते उनमें "महतारी" जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर इस पवित्र शब्द को अपमानित न करें। इन 5982 छात्रों ने कोरोनाकाल में अपने माता-पिता को अवश्य खोया है, किन्तु इनका आत्मसम्मान अब भी जीवित है।
दरअसल, कोरोनाकाल में अपने माता-पिता को खोने वाले छात्रों की विद्यालय फीस जमा करने तथा उन्हें 500 से 1000 रुपये तक देने के निर्देश सीएम भूपेश बघेल ने दिए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश के पश्चात् छत्तीसगढ़ शासन ने 'महतारी दुलार योजना' आरम्भ की थी। योजना आरम्भ होने के पश्चात् राज्य के 5982 पात्र छात्रों को योजना का फायदा नहीं प्राप्त हो पा रहा है। स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी सर्वे कराने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। मुख्यमंत्री की इस अहम ऐलान को अधिकारी पलीता लगाने पर अमादा है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने इसे लेकर राज्य सरकार पर हमला बोला है।
स्कूल शिक्षा विभाग के संचालक सुनील कुमार जैन ने कहा कि महतारी दुलार योजना के तहत 5982 छात्रों का चिन्हांकन किया गया है। 2866 छात्रों को योजना का लाभ दिया गया है। बाकी छात्रों का सर्वे किया जा रहा है। सर्वे पूरा होते ही उन्हें भी फायदा दिया जाएगा। वहीं प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की मानें तो 3727 बच्चों ने कोरोना में अपने माता-पिता को खोया है। प्राइवेट स्कूल बच्चों को पढ़ा रहे हैं। स्कूल शिक्षा विभाग को इन बच्चों से जुड़ी जानकारी भेजी गई है, किन्तु 2 सालों से इन विद्यार्थियों की स्कूल फीस जमा नहीं हुई है। शिक्षा विभाग ने छात्रों की सूची भी विद्यालयों को नहीं भेजी है।
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