इस वर्ष धनतेरस का त्योहार 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा। यह दिन विशेष रूप से नई चीजों की खरीदारी के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इसे घर की सुख-समृद्धि में वृद्धि का संकेत माना जाता है। ज्योतिषियों के अनुसार, इस दिन कुछ महत्वपूर्ण गलतियों से बचना चाहिए, जिनसे नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। आइए आपको बताते है धनतेरस पर किन गलतियों से बचना चाहिए:
1. कुबेर और धनवंतरी की पूजा
धनतेरस पर केवल कुबेर की पूजा करना ही सही नहीं है। कुबेर, जो धन और समृद्धि के देवता हैं, इनके साथ-साथ धनवंतरी की उपासना भी महत्वपूर्ण है। धनवंतरी आयुर्वेद के देवता हैं और स्वास्थ्य का प्रतीक हैं। उनके पूजन से न केवल धन की प्राप्ति होती है, बल्कि स्वास्थ्य का भी वरदान मिलता है। इस दिन, अपने पूजा स्थान पर दोनों देवताओं की तस्वीर रखें और उनका ध्यान करें।
2. सही वस्तुओं की खरीदारी
धनतेरस की शुभ तिथि पर सोना, चांदी, पीतल या स्टील के बर्तन खरीदने की परंपरा है। ये धातुएं शुभ मानी जाती हैं और इन्हें घर में रखने से समृद्धि में वृद्धि होती है। इस दिन लोहे, प्लास्टिक या काले रंग की चीजों की खरीदारी से बचें, क्योंकि ये वस्तुएं नकारात्मकता का संकेत देती हैं।
3. झाड़ू का महत्व
धनतेरस पर नई झाड़ू खरीदने का विशेष महत्व है। यह धन की सफाई और समृद्धि का प्रतीक है। लेकिन, पुरानी झाड़ू को इस दिन यूं ही फेंकना नहीं चाहिए। ऐसा करने से मां लक्ष्मी रुष्ट हो सकती हैं। पुरानी झाड़ू को दक्षिण-पश्चिम दिशा में संभालकर रखें और रात के निशीथ काल में इसे घर से बाहर रखते समय हाथ जोड़कर रखें। यह एक धार्मिक परंपरा है जो घर में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने में मदद करती है।
4. तामसिक चीजों से परहेज
धनतेरस की शुभ तिथि पर तामसिक चीजों, जैसे लहसुन-प्याज, का सेवन नहीं करना चाहिए। यह दिन स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक है, इसलिए इस दिन मांस और मदिरा से भी बचें। शुद्ध और सात्विक भोजन का सेवन करें, जिससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो।
5. बर्तन लाने की सही विधि
यदि आप धनतेरस पर कोई बर्तन खरीद रहे हैं, तो उसे खाली लेकर न आएं। यह माना जाता है कि खाली बर्तन लेकर आने से घर में नकारात्मकता आ सकती है। इसलिये, बर्तन में जल या कोई मीठी सामग्री डालकर लाएं। इससे यह संकेत मिलता है कि घर में खुशियों और समृद्धि का आगमन हो रहा है।
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