उत्पन्ना एकादशी पर भूलकर भी न करें ये 6 गलतियां, वरना भुगतना पड़ेगा भारी परिणाम

उत्पन्ना एकादशी पर भूलकर भी न करें ये 6 गलतियां, वरना भुगतना पड़ेगा भारी परिणाम
Share:

26 नवंबर को उत्पन्ना एकादशी का व्रत मनाया जाएगा, जिसे विशेष रूप से प्रभु श्री विष्णु की पूजा और उपासना के लिए जाना जाता है। इस दिन का व्रत धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन विधिपूर्वक प्रभु श्री विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति को मनचाहे फल की प्राप्ति होती है तथा उसके जीवन में सुख-शांति, समृद्धि, धन, वैभव, यश और खुशहाली का वास होता है। इस दिन व्रत और उपासना से हर प्रकार की मानसिक और भौतिक परेशानियों से मुक्ति प्राप्त होती है, मगर इसके लिए कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। उत्पन्ना एकादशी पर कुछ गलतियाँ करने से व्रत का फल नकारात्मक हो सकता है, इसलिए इनसे बचना चाहिए।

* उत्पन्ना एकादशी पर तुलसी को जल अर्पित न करें। तुलसी में लक्ष्मी जी का वास होता है तथा इस दिन माँ लक्ष्मी निर्जला उपवास रखती हैं।
* उत्पन्ना एकादशी पर चावल खाने से परहेज करें। चावल में जल तत्व की मात्रा अधिक होती है और जल पर चंद्रमा का प्रभाव अधिक होता है।
* उत्पन्ना एकादशी पर तामसिक भोजन का सेवन न करें। इस दिन लहसुन, प्याज या मांस-मदिरा से भी दूर रहना चाहिए।
* उत्पन्ना एकादशी पर काले रंग के कपड़े पहनने से बचें। एकादशी के व्रत में इस रंग के कपड़े पहनना अशुभ माना जाता है।
* उत्पन्ना एकादशी पर नाखून, बाल या दाढ़ी न कटवाएं।
* एकादशी के दिन पलंग या गद्दे की जगह जमीन पर बिस्तर डालकर सोएं।
* उत्पन्ना एकादशी पर किसी को अपशब्द न कहें तथा क्रोध में आने से बचें। द्वार पर आए किसी भी व्यक्ति को अपमानित न करें।

Share:

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -