आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के दौरान न करें ये गलतियां, वरना होगी समस्या

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के दौरान न करें ये गलतियां, वरना होगी समस्या
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नवरात्रि का त्योहार वर्ष में चार बार मनाया जाता है. वर्ष की पहली नवरात्रि चैत्र माह में पड़ती है. जिसे चैत्र नवरात्रि बोलते हैं. जबकि दूसरी नवरात्रि आश्विन महीने में मनाई जाती है. जिसे शारदीय नवरात्र बोलते हैं. दो गुप्त नवरात्रि आषाढ़ तथा माघ के महीने में होते हैं. चतुर्थी तिथि की वृद्धि होने की वजह से इस बार आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 9 दिन की नहीं, बल्कि 10 दिनों की होगी. गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं (मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां ध्रुमावती, मां बंगलामुखी, मातंगी और कमला देवी) की साधना की जाती है। वही आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के चलते कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए नहीं तो घर में अशुभता का आगमन होता है तथा दोष लगता है। तो चलिए आपको बताते हैं कि आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2024 के नियम
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि में माता रानी की स्थापना घर में नहीं की जाती है। गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा के रौद्र रूपों की विशेष साधना करने का विधान है। ऐसे में गृहस्थ लोग गुप्त नवरात्रि के चलते  मां दुर्गा की प्रतिमा की घर में स्थापना न करें। गुप्त नवरात्रि के चलते पूजा का अधिकार तांत्रिकों का है।
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के चलते गृहस्थियों को हवन करना चाहिए। इसके अतिरिक्त, दुर्गा चालीसा का पाठ करना भी शुभ माना जाता है। दुर्गा सप्तशती का पाठ भी कर सकते हैं लेकिन इस बात का ध्यान रह कि पाठ आसन पर बैठकर ही करना है। गुप्त नवरात्रि के चलते जवार नहीं बोए जाते हैं।
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के चलते इस बात का ख्याल रखें कि घर में कलश की स्थापना जरूर करें। असल में गुप्त नवरात्रि के दौरान कई नकारात्मक शक्तियां जन्म लेती हैं और हमारे आसपास भ्रमण करती हैं। इन्हीं शक्तियों को अपने वश में करने के लिए तांत्रिक गुप्त नवरात्रि की साधना करते हैं।
ऐसे में यदि गुप्त नवरात्रि के पहले दिन घर में कपूर मिश्रित जल के कलश की स्थापना की जाए तो इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है तथा बाहरी बुरी ऊर्जाएं भी घर में प्रवेश नहीं कर पाती हैं। आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के चलते मां दुर्गा के नौ रूपों के नामों का जाप भी करना चाहिए।

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