जन्म के बाद के शुरुआती 6 से 8 महीनों में शिशु की देखभाल बहुत महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि इस समय बच्चे का शरीर बेहद नाजुक और संवेदनशील होता है। नवजात शिशु की प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) पूरी तरह विकसित नहीं होती, जिसके कारण वे आसानी से बीमारियों और संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं। इसके साथ ही उनकी त्वचा और मांसपेशियां भी अत्यधिक नाजुक होती हैं, इसलिए कोई भी छोटी सी गलती उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है।
अक्सर लोग शिशु को गोद में उठाते समय प्यार और उत्साह में कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जो उनकी सेहत पर बुरा असर डाल सकती हैं। चाहे माता-पिता हों या अन्य परिवार के सदस्य या दोस्त, जब भी शिशु को गोद में लिया जाता है, तब कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना जरूरी है। आइए विस्तार से जानते हैं उन सामान्य गलतियों और सावधानियों के बारे में, जो शिशु को गोद में लेते समय बरती जानी चाहिए।
1. हाथों को साफ न करना या सैनिटाइज न करना
शिशु की प्रतिरक्षा प्रणाली बेहद कमजोर होती है, जिससे वे आसानी से संक्रमण का शिकार हो सकते हैं। इसलिए, जब भी आप बच्चे को गोद में लें, सबसे पहले अपने हाथों को अच्छी तरह साबुन से धोएं या हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करें। यदि आप बाहर से आए हैं, तो केवल हाथ ही नहीं, बल्कि अपने चेहरे, हाथ-पैरों को भी अच्छी तरह साफ करें और कपड़े बदलने के बाद ही शिशु को छुएं। बाहरी धूल-मिट्टी या रोगाणु शिशु की त्वचा और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं। हाथ साफ न करने से शिशु को कई प्रकार के संक्रमण, विशेषकर बैक्टीरिया और वायरस का खतरा होता है।
2. शिशु के होंठों पर चूमना
अक्सर लोग शिशु को प्यार जताने के लिए उसके होंठों पर चूम लेते हैं, लेकिन यह आदत शिशु के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह हो सकती है। शिशु की त्वचा और मुंह में बैक्टीरिया और वायरस आसानी से प्रवेश कर सकते हैं, जिससे उन्हें संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। खासकर अगर किसी को सर्दी-जुकाम, बुखार या कोई अन्य संक्रामक रोग है, तो वे शिशु को संक्रमित कर सकते हैं। इसके बजाय, आप शिशु के माथे पर चूम सकते हैं, जो अपेक्षाकृत सुरक्षित है। अगर आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो शिशु से दूरी बनाए रखना ही बेहतर होता है।
3. शिशु को उठाने का सही तरीका
6 महीने तक के शिशु की हड्डियां और मांसपेशियां बहुत नाजुक होती हैं, इसलिए जब भी शिशु को गोद में उठाएं, उनके शरीर को उचित समर्थन देना बहुत जरूरी होता है। खासकर उनकी गर्दन और कंधों को सहारा देने पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि इस उम्र में उनकी गर्दन का पूरा नियंत्रण विकसित नहीं हुआ होता। कुछ लोग शिशु को बगल से पकड़कर उठाते हैं, जो उनके लिए असुविधाजनक हो सकता है। शिशु को उठाने का सही तरीका यह है कि एक हाथ उनकी पीठ और कमर के नीचे रखें और दूसरा हाथ उनकी गर्दन के नीचे सहारा देने के लिए लगाएं। इस तरह आप शिशु को सुरक्षित और आराम से गोद में उठा सकते हैं।
4. शिशु को उछालकर खिलाना
अक्सर लोग शिशु को गोद में खेलाने के लिए उन्हें हवा में उछालते हैं। हालांकि, यह खेल मजेदार लग सकता है, लेकिन शिशु के लिए यह खतरनाक साबित हो सकता है। शिशु के शरीर की नाजुकता को देखते हुए, उन्हें इस प्रकार के खेलों से दूर रखना चाहिए। चाहे शिशु 6 महीने का हो या डेढ़-दो साल का, उन्हें उछालते समय या खेलाते वक्त हाथों से छोड़ने की गलती कभी नहीं करनी चाहिए। यह थोड़ी सी लापरवाही शिशु को गंभीर चोट पहुंचा सकती है, जैसे सिर में चोट लगना, हड्डियों में खिंचाव या अन्य शारीरिक नुकसान।
5. शिशु के आस-पास बीमार लोगों का होना
अगर किसी व्यक्ति को सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार या अन्य किसी संक्रामक बीमारी के लक्षण हैं, तो उन्हें शिशु के पास आने से बचना चाहिए। शिशु का इम्यून सिस्टम पूरी तरह विकसित नहीं होता, इसलिए वे जल्दी संक्रमित हो सकते हैं। बीमार व्यक्ति के संपर्क में आने से शिशु को फ्लू, वायरल या अन्य बीमारियों का खतरा हो सकता है।
6. बच्चे को कंबल या भारी कपड़े में लपेटकर उठाना
कई बार बच्चे को कंबल या भारी कपड़े में लपेटकर उठाया जाता है, जो गलत हो सकता है। यह तरीका बच्चे को असहज कर सकता है, और ज्यादा गर्मी लगने का भी खतरा रहता है। शिशु को हमेशा हल्के, सांस लेने योग्य कपड़ों में लपेटकर उठाएं ताकि वे आरामदायक महसूस करें और उन्हें किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
7. शिशु के सिर पर ज्यादा जोर देना
शिशु के सिर की हड्डियां पूरी तरह विकसित नहीं होतीं, इसलिए यह हिस्सा बहुत नाजुक होता है। जब भी आप शिशु को उठाएं या उनके सिर को सहारा दें, ध्यान रखें कि आप उनके सिर पर अधिक दबाव न डालें। नवजात शिशुओं के सिर के ऊपरी हिस्से में 'सॉफ़्ट स्पॉट' होता है जिसे मस्तिष्क को सुरक्षा देने के लिए विशेष ध्यान की आवश्यकता होती है।
शिशु को गोद में उठाना और उनके साथ समय बिताना सुखद अनुभव होता है, लेकिन इस दौरान उनकी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखना भी जरूरी है। हमेशा अपने हाथों को साफ रखें, शिशु को सही तरीके से गोद में उठाएं, और उन्हें किसी भी प्रकार की जोखिमपूर्ण गतिविधियों से दूर रखें। थोड़ी सी सावधानी और सतर्कता शिशु के स्वस्थ विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
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