माता-पिता से भी होती हैं गलतियां, पेरेंटिंग के दौरान रखें इन बातों का ध्यान
माता-पिता से भी होती हैं गलतियां, पेरेंटिंग के दौरान रखें इन बातों का ध्यान
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पेरेंटिंग एक गहन यात्रा है, न केवल नवजात शिशु के लिए बल्कि खुद माता-पिता के लिए भी। यह इस चरण के दौरान है कि जोड़े विभिन्न उतार-चढ़ावों से गुजरते हैं, वास्तव में उनके धैर्य और समझ की परीक्षा लेते हैं। बच्चे को अच्छी परवरिश देने की कला ही सफल पेरेंटिंग को परिभाषित करती है। प्रत्येक जोड़े के अपनी समझ के आधार पर अद्वितीय दृष्टिकोण के बावजूद, अनुभव की नवीनता के कारण अनजाने में गलतियाँ हो सकती हैं। सकारात्मक परवरिश सुनिश्चित करने के लिए, कुछ गुण अच्छे माता-पिता को अलग पहचान देते हैं:

शुरुआती वर्षों से ही आत्म-सम्मान पैदा करना:
एक अच्छा माता-पिता शुरू से ही अपने बच्चे के आत्म-सम्मान को पोषित करने पर ध्यान केंद्रित करता है। वे लगातार अपने बच्चे के आत्मविश्वास को बढ़ाने का प्रयास करते हैं, जिससे शुरुआती डर दूर हो जाता है। यह प्रयास सुनिश्चित करता है कि बच्चा साहसी बने, अपने भविष्य में आत्मविश्वास से निर्णय लेने में सक्षम हो।

तुलना से बचना:
माता-पिता के बीच अपने बच्चे की तुलना दूसरों से जानबूझकर या अनजाने में करना एक आम गलती है। किसी बच्चे के खराब प्रदर्शन की तुलना किसी और की उपलब्धियों से करने से हर कीमत पर बचना चाहिए, क्योंकि इससे बच्चे के अंदर अपर्याप्तता की भावना पैदा हो सकती है। इसके बजाय, गलतियों को प्यार और समझ के साथ संबोधित किया जाना चाहिए।

नकारात्मक आलोचना की जगह प्रशंसा करना:
किसी बच्चे की गलतियों के लिए उसकी आलोचना करने के बजाय, एक अच्छा माता-पिता प्यार से समझाना पसंद करता है। वे बच्चे के अच्छे कामों की प्रशंसा करने पर ज़ोर देते हैं। दिन में दो बार बच्चे को गले लगाने जैसे सरल इशारे उसके व्यवहार में बदलाव ला सकते हैं।

अनुशासन से समझौता न करें:
अनुशासन बच्चों को सही तरीके से पालने का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है। बच्चों को आपकी अपेक्षाओं को समझने के लिए अनुशासन के नियम निर्धारित करें। उदाहरण के लिए, जब तक घर का पूरा काम पूरा न हो जाए, तब तक टीवी चालू न रहने दें।

बच्चों को दें अपना समय-
एक दूसरे के साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड करने से माता पिता तथा बच्चे एक दूसरे की भावनाओं के अच्छी प्रकार समझ पाते हैं। ऐसे में हर दिन बच्चे के लिए कुछ समय अवश्य निकालें। इस बात का ध्यान रखें कि जिन बच्चों को अपने माता पिता का साथ नहीं मिलता वह अक्सर गलत आदतों में पड़ जाते हैं।

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