खुद का घर हर इंसान का सपना होता है और जब यह ख़ुशी उसे मिलने को होती है तो वह घर बनाते समय जगह को नहीं देखता और घर बनाने लगता है जिसके अनुसार उसे बाद में पछताना पड़ता है इसलिए ये गलती करने से पहले एक बार हमारे बताये हुए बातो का ध्यान रखकर ही घर बनाए सुख शान्ति मिलेगी.
जहां शिल्पकार के लोग रेहते वहां घर नहीं बनाना चाहिए क्योकि जहां शिल्पकार निवास करते है वहां लकड़ी, लोहा, पत्थर आदि कि आवाज़े आती रहती है और ऐसी अवाज़े आने से नकारात्मकता आती है, जिसका असर परिवार के लोगो में देखने को मिलता है.
जहां जुआ खेलते हों, शराब पीते हों, मांस खाते हो तथा बेचते हों ऐसे स्थान पर भी घर नहीं बानना चाहिए ऐसे स्थानों पर असामाजिक लोगो का आना-जाना लगातार बना रहता है, जो कि सामाजिक व पारिवारिक दृष्टिकोण से ठीक नहीं है ऐसे स्थानों पर आए दिन मारपीट, हुड़दंग व अन्य अवैधानिक गतिविधियां होती रहती हैं, ऐसे स्थान पर घर होने से उसका असर परिवार के लोगों पर भी पड़ता है.
विशेषकर बच्चों पर, बच्चे जब ऐसी गतिविधियां देखते हैं तो वे उस ओर जल्दी आकर्षित हो सकते हैं इसका प्रभाव उन बच्चों पर उनके परिवार के भविष्य पर भी पड़ सकता है, इसलिए जिन स्थानों पर जुआ खेला जाता हो व मांस-मदिरा का व्यापार किया जाता हो, ऐसे स्थान पर घर नहीं बनवाना चाहिए.
ऐसे स्थान पर भी घर नहीं बनाना चाहिए जहां दूकान हाट, बाज़ार अस्पताल न हो तथा हमें किसी भी प्रकार कि कोई भी सुविधा नहीं मिल सके ऐसी जगह घर बनाने से क्या फायेदा.जहां यज्ञ, भवन होता है उस स्थान के पास भी घर नहीं होना चाहिए क्योकि यह स्थान पवित्र होते है और इनके पास घर बनाने से इनकी पवित्रता कम हो जाती है.
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