सावन का महीना भोले के भक्तों के लिए बहुत ख़ास होता है और सावन माह की शुरूआत 17 जुलाई से हो गई हैं. ऐसे में भगवान भोलेनाथ को सावन का महीना बहुत प्रिय है और इस महीने में शिव भक्त पूजा अर्चना और आराधना पर विशेष ध्यान देते हैं. इस दौरान भोले को कई प्रकार के पुष्प चढ़ाये जाते हैं जो उन्हें प्रिय होते हैं लेकिन कई बार इस बात पर भी ध्यान नहीं दिया जाता हैं कि भगवान शिव को किसका पुष्प चढ़ाया जा रहा हैं मगर यह बहुत ही महत्वपूर्ण बात हैं कि 20 ऐसे पुष्प हैं जो भगवान भोलेनाथ को नहीं चढ़ने चाहिए.
आज हम आपको उन्ही 20 फूलों के बारे में बताने जा रहे हैं जो भोले को अर्पित नहीं किए जाने चाहिए. जी हाँ, आप सभी को बता दें, कि भगवान शिव की पूजा के साथ ही सावन में सोवार के व्रत को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता हैं इसी के साथ ऐसी भी मान्यता हैं कि सावन के सोमवार में व्रत रखने का फल सामान्य दिनों से करीब दस गुना ज्यादा मिलता है. आप सभी को बता दें कि इस दौरान व्रत के साथ-साथ पूजा को भी महत्व दिया गया हैं और शिव की पूजा के समय केतकी मदंती,केवड़ा और जूही समेत कुल बीस तरह के पुष्प हैं जिन्हें इस्तेमाल नहीं किया जाता हैं. आज हम आपको उन 20 पुष्पों के बारे में बताने जा रहे हैं.
शिव पूजा में वर्जित है यह 20 पुष्प- केतकी के पुष्प, मदंती के पुष्प, केवड़ा के पुष्प, जूही के पुष्प, कुंद के पुष्प, शिरीष के पुष्प, कंद, अनार के पुष्प, कदंब के पुष्प, सेमल के पुष्प,सारहीन पुष्प, कठूमर के पुष्प, कपास के पुष्प, पत्रकंटक के पुष्प, गंभारी के पुष्प, बहेड़ा के पुष्प, तिंतिणी के पुष्प, गाजर के पुष्प, कैथ के पुष्प, कोष्ट के पुष्प, धव के पुष्प.
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