S*X के बाद या S*X के दौरान भूलकर भी ना करें स्मोकिंग, बढ़ा देती है इस गंभीर बीमारी का 'खतरा'

S*X के बाद या S*X के दौरान भूलकर भी ना करें स्मोकिंग, बढ़ा देती है इस गंभीर बीमारी का 'खतरा'
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एक वक़्त ऐसा था जब अमेरिका में सिगरेट को सेक्सुअल प्लेजर के लिए सबसे ज्यादा सहायक मान लिया गया था। इसे भुनाने के लिए एक पॉप बैंड का नाम सिगरेट्स आफ्टर सेक्स रख लिया गया था। बाद में सेक्सुअल प्लेजर या सेक्सुअल एक्टिविटी पर सिगरेट के असरों पर कई अध्ययन एवं शोध किये गए। इनके निष्कर्षों में यह बात सामने आई कि यौन स्वास्थ्य पर सिगरेट का बहुत बुरा असर पड़ता है। इन दिनों भारत में भी सेक्सुअल एक्टिविटी के पश्चात् सिगरेट स्मोकिंग का चलन देखा जा रहा है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, श्वसन और हृदय स्वास्थ्य पर धूम्रपान का हानिकारक प्रभाव तो पड़ता ही है। सिगरेट में इस्तेमाल किये जाने वाले तम्बाकू का यौन स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।

क्यों सेक्सुअल हेल्थ के लिए बुरी है सिगरेट?
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ सेक्सुअल हेल्थ के मुताबिक, सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पादों में पाया जाने वाला नशीला पदार्थ निकोटीन ब्लड वेसल्स को संकुचित कर देता है। यह जननांग क्षेत्र (reproductive area) समेत पूरे शरीर में ब्लड फ्लो को कम कर देता है। ब्लड सर्कुलेशन में कमी पुरुषों में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (Erectile Dysfunction) तथा महिलाओं में यौन उत्तेजना और चिकनाई (vaginal dryness) में कमी की वजह बन सकती है। धूम्रपान पुरुषों एवं महिलाओं दोनों में प्रजनन दर को कम करता है। इससे सेक्सुअली एक्टिव कपल्स के लिए गर्भधारण करना ज्यादा मुश्किल हो जाता है।

सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज का बन सकती है कारण 
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ सेक्सुअल हेल्थ के मुताबिक, तम्बाकू के सेवन को यौन संचारित संक्रमण के विकास के बढ़ते जोखिम से भी जोड़ा गया है। धूम्रपान की वजह से प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है। इससे व्यक्ति को एसटीआई से संक्रमित होने के लिए ज्यादा संवेदनशील बना देती है। यह संक्रमण से लड़ने की शरीर की क्षमता को भी बाधित करती है।

रिलेशनशिप पर पड़ता है बुरा प्रभाव 
सेक्सुअल हेल्थ जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार, फिजिकल साइड इफेक्ट के अतिरिक्त, तम्बाकू का इस्तेमाल व्यक्तियों एवं उनके इंटिमेट संबंधों को भी मनोवैज्ञानिक एवं भावनात्मक रूप से नुकसान पहुंचा सकता है। सिगरेट सेक्सुअल बिहेवियर से जुड़ जाता है। यह क्रेविंग या उत्तेजना के लिए भी ट्रिगर का काम कर सकता है। वक़्त के साथ यह जुड़ाव मनोवैज्ञानिक रूप से सिगरेट पर निर्भरता बढ़ा सकता है। इससे मनुष्य को लगता है कि सेक्स के पहले या सेक्स के पश्चात् सिगरेट बेहद आवश्यक है। इसके बिना सेक्सुअल एक्टिविटी में संलग्न होने की क्षमता कम हो सकती है। इससे मनुष्य का सेल्फ कॉन्फिडेंस घट सकता है। इन सभी का प्रभाव रिश्ते पर पड़ना लाजिमी है।

बढ़ सकता है सर्विकल कैंसर का खतरा 
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, सेक्स के पश्चात् सिगरेट पीना महिलाओं के लिए सीधे-सीधे सर्विकल कैंसर का खतरा बढ़ा देता है। इम्यून सिस्टम कमजोर होने पर ह्यूमन पैपिलोमा वायरस इन्फेक्शन से लड़ने में शरीर सक्षम नहीं रह पाता है। इससे एचपीवी होने का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही सर्विकल सेल्स में भी परिवर्तन को बढ़ावा प्राप्त हो सकता है। जो महिलाएं स्मोक नहीं करती हैं, उनके मुकाबले में स्मोक करने वाली महिला को सर्विकल कैंसर होने का खतरा दोगुना होता है। जो महिलाएं स्मोक करती हैं, उनकी सर्विकल म्यूकस में निकोटिन पाए जाते हैं। स्टडी से यह बात सामने आई है कि तम्बाकू सर्विक्स सेल के DNA को डैमेज कर सकता है। यह सर्विकल कैंसर की वजह बनता है।

सिगरेट छोड़ने के लिए क्या करें?
यौन स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने एवं रिकवरी के लिए स्मोकिंग पूर्ण रूप से छोड़ना सबसे ज्यादा आवश्यक है। स्मोकिंग छोड़ने से व्यक्ति ब्लड सर्कुलेशन में सुधार कर सकता है। सेक्सुअल एक्टिविटी को सही कर सकता है। साथ ही एसटीआई तथा सर्विकल कैंसर के जोखिम को कम किया जासकता है। स्मोकिंग छोड़ने में व्यक्ति की सहायता के लिए कई रिसोर्स और सपोर्ट सिस्टम उपलब्ध हैं। इनसे एडवाइस, दवा और बिहेवियरल थेरेपी की सहायता ली जा सकती है।

निष्कर्षतः, यौन स्वास्थ्य पर सिगरेट पीने के हानिकारक प्रभावों को कम करके नहीं आंका जा सकता। स्तंभन दोष और प्रजनन क्षमता में कमी जैसी शारीरिक जटिलताओं से लेकर अंतरंगता और रिश्ते की गतिशीलता पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव तक, धूम्रपान व्यक्तियों और उनके भागीदारों के लिए महत्वपूर्ण जोखिम पैदा करता है। धूम्रपान छोड़ने से न केवल यौन स्वास्थ्य में सुधार होता है, बल्कि सर्वाइकल कैंसर और अन्य स्वास्थ्य जटिलताओं का खतरा भी कम होता है, जो अंततः समग्र कल्याण में योगदान देता है।

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