आप सभी को बता दें कि इस बार 6 अप्रैल को चैत्र नवरात्रि है. ऐसे में इस दौरान जहां सभी देवी पूजा में करेंगे देवी से मंगलमय भविष्य की कामना करेगे, इसके साथ ही लोग सभी लोग अपनी अपनी तरह से देवी को प्रसन्न करने का भी प्रयास करेंगे. आप सभी को बता दें कि अगर आप भी देवी को खुश करना चाहते हैं तो इस नवरात्रि में लौटे का विशेष ध्यान रखे. जी हाँ, नवरात्रि के दौरान पूजा को सफल बनाने के लिए व पूजा में होने वाली भूल से बचने के लिए आज हम आपको कुछ उपाय बताने जा रहे हैं जिन्हे आपके लिए मानना जरुरी है. इन्हे पूजा के दौरान ध्यान रखना जरुरी है और इससे पूजा में होने वाली भूल से आप बच सकते हैं. अगर आप नवरात्र में देवी पूजा का उचित फल चाहते हैं तो इन बातों का ध्यान रखे.
आप सभी जानते ही होंगे कि कभी कभी पूजा के दौरान कुछ ऐसी गलतियाँ हो जाती है जिससे पूजा का लाभ भी नही मिलता, कई बार तो हम में से कई लोगो को इस बारे मे पता भी नहीं होता है. ऐसे में कभी कभी तो गलती इतनी बढ जाती है जिसके कारण अपशकुन भी हो जाता है. अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं नवरात्रि पूजा के दौरान प्रयोग किये जाने वाले लोटे के बारे मे. जी हाँ, दरअसल बहुत कम लोग जानते हैं कि देवी पूजा में कौन सा लोटा प्रयोग में लाना चाहिए और कौन सा प्रयोग में नहीं लाना चाहिए. तो आइए हम आपको बताते हैं.
कहा जाता है अलग अलग पूजा में पूजन साम्रगी अलग अलग होती है और ऐसे में पूजा में प्रयोग होने वाले बर्तनों भी विशेष होते हैं जिसमें लोटा सबसे मेन होता है, क्योंकि इसकी जरूरत लगभग सारी पूजा मे पड़ती है. वहीं पूजा के नियमों के अनुसार और धार्मिक रिति रिवाज के अनुसार पूजा में स्टील, लोहा और एल्युमिनियम के बर्तनों का प्रयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि इन बर्तनों को अपवित्र माना जाता है. अगर आप पूजा करने जा रहे हैं तो तांबे या चांदी के लौटे का उपयोग करें तो बेहतर होगा. कहते हैं नवरात्रि में पूजा के दौरान तांबे के लोटे का ही प्रयोग करना चाहिए.
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