इस दिशा में भूलकर भी न करें पूजा वरना भुगतना पड़ेगा भारी अंजाम

इस दिशा में भूलकर भी न करें पूजा वरना भुगतना पड़ेगा भारी अंजाम
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हिन्दू धर्म में दिशाओं का खास महत्व बताया गया है. दिशाओं का संबंध सूर्य और इसके प्रकाश से होता है. ज्योतिष के जानकारों के अनुसार, हर दिशा में प्रकाश का असर अलग ऊर्जा पैदा करता है. यदि हम दिशाओं को समझे बिना इस ऊर्जा के सम्पर्क में आते हैं तो इससे नुकसान होता है. जबकि इस सिलसिले में थोड़ी सी जानकारी हासिल कर हम जमकर लाभ ले सकते हैं.

पूर्व दिशा:-
पूर्व दिशा की ओर मुख करके धार्मिक कार्य करना हमेशा फलदायी होता है. यहां सूर्य और बृहस्पति का प्रभाव ज्यादा होता है. इस दिशा से मान-सम्मान यश एवं ज्ञान प्राप्त होता है. जहां तक हो सके, पूजा-पाठ, ध्यान एवं पढ़ाई पूर्व दिशा की तरफ मुख करके करें.

पश्चिम दिशा:-
पश्चिम शनि की दिशा होती है. इस दिशा से रिश्ते, परिवार एवं खुशहाली प्रभावित होती है. इस दिशा की तरफ भोजन करने से संघर्ष बढ़ता है. इस दिशा की तरफ सिर करके सोने से स्वास्थ्य स्वास्थ्य समस्याएं और आर्थिक हानि भी होती है. इस दिशा में ध्यान और प्रार्थना करने से फायदा होता है.

उत्तर दिशा:-
धनधान्य के लिहाज से इस दिशा को विशेष माना जाता है. वास्तु के मुताबिक, इस दिशा की तरफ मुख करके किसी कार्य की शुरुआत तथा व्यवसाय करना सर्वोत्तम होता है. इस दिशा में देवी लक्ष्मी की उपासना करने से धन की प्राप्ति होती है.

दक्षिण दिशा:-
दक्षिण दिशा के स्वामी मंगल एवं यम होते हैं. इस दिशा में दोष होने पर घर के सदस्यों में हमेशा अनबन रहती है. संपत्ति को लेकर भाई-बंधुओं में विवाद चलता रहता है. इस दिशा में बजरंगबली जी की पूजा करने से विशेष लाभ मिलते हैं. अगर घर की इस दिशा में मंगल यंत्र स्थापित कर लिया जाए तो सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं.

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