भोपाल: मध्यप्रदेश में इस साल के अंत में विधान सभा चुनाव होने वाले हैं, जिसमे भाजपा को शिकस्त देने के लिए कांग्रेस यूपी की तरह एमपी में भी समाजवादी पार्टी से हाथ मिलाने का मन बना रही है. वहीँ अगर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बयानों पर गौर फरमाएं तो उनकी इसमें अधिक दिलचस्पी नहीं लगती. हाल में अखिलेश यादव मध्यप्रदेश के दो दिवसीय दौरे पर हैं.
यहाँ उन्होंने राजधानी भोपाल में पत्रकारों से बात करते हुए इस बात के साफ़ संकेत दे दिए के कांग्रेस के साथ गठबंधन होना ना होना उनके लिए कोई मायने नहीं रखता. हालाँकि उन्होंने साफ़ तौर पर इंकार भी नहीं किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के साथ मिलकर हमने 4 चुनाव लड़े हैं. जिनमे से 2 में हम जीते हैं और 2 में हमे हार मिली है, लेकिन इन सबमे कांग्रेस का कितना योगदान रहा ये ध्यान देने वाली बात हैं.
वहीँ अखिलेश ने बसपा के साथ अपनी दोस्ती का खुले आम ऐलान किया है और कहा है कि मध्यप्रदेश में सपा और बसपा क्या करेगी ये आगामी चुनाव में पता चल ही जाएगा. उनकी बातों से ये साफ़ झलक रहा था कि वे एमपी में चुनावी शंख फूंकने ही आए हैं. उन्होंने मंच पर से कांग्रेस से सीधी बात करते हुए कहा कि अब कांग्रेस क्या करना चाहती है ये उसे ही तय करना होगा, क्योंकि सपा और बसपा का गठबंधन मध्यप्रदेश में बहुत कुछ कर सकता है.
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