गणेश चतुर्थी, भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह त्योहार भाद्रपद माह की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है, जो हर साल अगस्त या सितंबर के बीच आता है। इस वर्ष गणेश चतुर्थी 7 सितंबर, शनिवार को प्रारंभ होगी।
पर्व का महत्व
गणेश चतुर्थी भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है, जो विघ्नों को दूर करने और नए कार्यों में सफलता प्रदान करने के लिए प्रसिद्ध हैं। इस दिन भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित की जाती है और दस दिनों तक उनकी पूजा-अर्चना की जाती है। गणेश चतुर्थी को लेकर मान्यता है कि भगवान गणेश समृद्धि, बुद्धि और सौभाग्य के देवता हैं, इसलिए उनकी पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
ज्योतिषीय उपाय
गणेश पूजा
गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की विधिपूर्वक पूजा करें। उनकी मूर्ति की स्थापना करें और उन्हें मोदक, लड्डू, तथा ताजे फूल अर्पित करें। इस दिन गणेश जी की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और सभी समस्याओं का समाधान होता है।
गणेश मंत्र का जाप
गणेश चतुर्थी पर “ॐ गण गणपतये नमः” या “ॐ विघ्नेश्वराय नमः” मंत्र का जाप करें। ये मंत्र भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने में सहायक होते हैं।
गणेश चालीसा का पाठ
गणेश चालीसा का पाठ करना इस दिन बहुत शुभ माना जाता है। यह पाठ करने से सभी प्रकार के कष्ट और विघ्न दूर होते हैं।
मोदक का भोग
भगवान गणेश को घर में बने हुए मोदक का भोग अर्पित करें, क्योंकि मोदक गणपति जी का प्रिय भोग माना जाता है। ऐसा करने से गणेश जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
दान पुण्य
गणेश चतुर्थी के दिन दीन-दुखियों और जरूरतमंदों की सहायता करें। उन्हें भोजन या कपड़े दें। इस दिन दान करने से भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त होती है और पुण्य मिलता है।
गणेश चतुर्थी का पर्व खुशी और समृद्धि का प्रतीक है। इस अवसर पर किए गए ज्योतिषीय उपाय और पूजा अर्चना से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आ सकता है।
महाभारत की वो 5 प्रेम कहानियां, जिन्होंने बदल दिया पूरा इतिहास
जानिए किस उंगली में चांदी की अंगूठी पहनना है शुभ?
बेहद शुभ है घर में ये पौधा लगाना, बनी रहेगी माँ लक्ष्मी की कृपा