पीरियड्स मतलब माहवारी एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो महिलाओं में गर्भ धारण के लिए बहुत आवश्यक होती है। महिलाओं को हर महीने पीरियड्स से गुजरना पड़ता है। इस के चलते उन्हें 3 से 7 दिनों तक ब्लीडिंग होती है। अक्सर महिलाओं को पीरियड्स के चलते पेट और कमर में दर्द होता है। माहवारी की भांति ही इसमें होने वाला दर्द भी बहुत ही सामान्य बात है। कुछ महिलाओं को इससे अधिक परेशानी नहीं होती मगर कुछ महिलाओं के लिए यह दर्द मुसीबत की भांति होता है। यह और भी ज्यादा तकलीफदेह तब हो जाता है आपके पीरियड्स ज्यादा दिनों तक चलते हैं। इसे इस प्रकार से समझ सकते हैं कि महिलाओं के गर्भाशय की म्यूकस मेंमब्रेन मैंस्ट्रुअल साइकिल के चलते संभावित प्रेग्नेंसी के लिए स्वयं को तैयार करने के लिए मोटी हो जाती है तथा जब प्रेग्नेंसी नहीं होती तो यह पीरियड्स के चलते आपके यूटेरस से रक्त के साथ बाहर निकल जाती है।
लड़कियों के शरीर में पीरियड की शुरुआत होने का अर्थ है कि उनका शरीर अपने आप को संभावित गर्भावस्था (प्रेग्नेंसी) के लिए तैयार कर रहा है। आमतौर पर ब्लीडिंग 3 से 7 दिनों के बीच होती है। किन्तु यदि आपको लंबे समय तक ब्लीडिंग हो तो आपको इसे नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। जब आपके मासिक धर्म चक्र की बात आती है तो इसके पीछे कई फैक्टर्स होते हैं। कई बार आपके पीरियड्स सामान्य से ज्यादा वक़्त तक रह सकते हैं तथा आयु के हिसाब से इसमें परिवर्तन भी आते हैं।
वही टीएनज लड़कियों में पीरियड्स की गड़बड़ी हार्मोनल असंतुलन के कारण सबसे अधिक होती है। इसमें कई बार पीरियड्स बहुत लंबे चलते हैं। विशेष रूप से प्यूबर्टी की शुरुआत में होने वाले पीरियड्स काफी लंबे होते हैं। वहीं, वयस्कों में गर्भावस्था से संबंधित बीमारियों जैसे फाइब्रॉइ़ड्स एवं एडीनोमायोसिस और संक्रमण के कारण भी यह दिक्कत होती है। माहवारी में गड़बड़ी महिलाओं में गर्भावस्था से संबंधित विकार जैसे एक्टोपिक ट्यूबल प्रेग्नेंसी (जिसमें निषेचित अंडा गर्भाशय के बाहर प्रत्यारोपित हो जाता है और अधिक दिनों तक जीवित नहीं रह पाता) या गर्भपात का खतरा बढ़ाता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि यदि महिलाओं के पीरियड्स सात दिनों से ज्यादा वक़्त तक चलते हैं या उन्हें बहुत अधिक ब्लड क्लॉट्स दिखाई देते हैं तो उन्हें इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए। महिलाओं को इसका भी ध्यान रखना चाहिए उनके पीरियड का रंग कैसा है।
ज्यादा ब्लीडिंग के पीछे हो सकती हैं ये बीमारियां:-
यदि किसी भी महिला को एक महीने में 20 दिनों तक पीरियड्स होते हैं तो निश्चित तौर पर यह सामान्य नहीं है तथा इस प्रकार की स्थिति को गंभीरता से लेना चाहिए. विशेषज्ञों के मुताबिक, 20 दिनों तक चलने वाले पीरियड्स के कुछ प्रमुख कारण हो सकते हैं.
* हार्मोनल असंतुलन:- महिलाओं में प्रजनन प्रक्रिया के लिए जिम्मेदार एस्ट्रोजेन एवं प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के बीच असंतुलन के कारण 20 दिनों तक पीरियड्स हो सकते हैं.
* फाइब्रॉइड्स (Fibroids):- फाइब्रॉएड एक बीमारी है जिसमें गर्भाशय का आकार बढ़ जाता है. ये गर्भाशय में हल्की गांठों (एक तरह का ट्यूमर) की भांति होते हैं जो महिलाओं में काफी आम हैं. मगर यह पीरियड्स के चलते असहनीय दर्द और ऐंठन, हैवी ब्लीडिंग, सेक्स के दौरान दर्द और तेज पीठ-कमर दर्द की वजह से हो सकते हैं. इससे गर्भपात का खतरा का भी जोखिम होता है और यह प्रजनन क्षमता में भी परेशानी पैदा करते हैं.
* पॉलीप्स (polyps):- पॉलीप्स आमतौर पर गर्भाशय के भीतर गांठों की भांति होती हैं जो एंडोमेट्रियम (गर्भाशय की भीतरी परत) में कोशिकाओं की अनियमित वृद्धि के कारण बनती हैं. गर्भाशय पॉलीप्स को एंडोमेट्रियल पॉलीप्स के नाम में भी जाना जाता है. ये पॉलीप्स आमतौर पर नॉन कैंसरस होते हैं लेकिन कई कैंसर में बदल सकते हैं
* कैंसर:- पीरियड्स के चलते बहुत अधिक ब्लीडिंग गर्भाशय या गर्भाशय ग्रीवा के अंदर कैंसर की वृद्धि के कारण हो सकता है.
* बीमारी:- HIV,रूबेला, मंप्स जैसी कुछ बीमारियां आपके रक्त को पतला कर सकती हैं तथा आपके मासिक धर्म के दौरान बहुत अधिक ब्लीडिंग की वजह बन सकती हैं।
* गर्भनिरोधक:- पीरियड्स में गड़बड़ी इंट्रा यूटराइन डिवाइस (IUD) के कारण भी हो सकती है. यह एक छोटे गर्भनिरोधक उपकरण होते हैं जिन्हें अनचाही प्रेग्नेंसी से बचने के लिए आपके गर्भाशय में इंप्लांट किया जाता है. गलत तरीके से आईयूडी का इंप्लांट हैवी ब्लीडिंग के कारण हो सकता है.
* दवाओं का सेवन:- रक्त को पतला करने वाली एस्पिरिन जैसी कुछ दवाएं भी ऐसी दिक्कतें पैदा कर सकती हैं. गर्भ निरोधक गोलियों का गलत तरीके से सेवन, विशेष रूप से जब आप इसे तय समय पर ना लें, तो इससे भी आपको माहवारी में परेशानियां हो सकती हैं.
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