नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी शुक्रवार (4 अगस्त) को अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें मुस्लिम पक्ष ने इलाहबाद हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी। दरअसल, इलाहाबाद HC द्वारा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को विवादित ज्ञानवापी परिसर (वज़ुखाना को छोड़कर) का वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने की अनुमति दी गई थी। वाराणसी अदालत द्वारा 21 जुलाई को फैसला सुनाए जाने के बाद उच्च न्यायालय द्वारा गुरुवार को ज्ञानवापी परिसर के सर्वेक्षण का रास्ता साफ करने के बाद याचिका दायर की गई थी। ASI की एक टीम शुक्रवार सुबह विवादित परिसर में पहुंची और परिसर का सर्वेक्षण शुरू किया। वरिष्ठ वकील हुज़ेफ़ा अहमदी मस्जिद समिति की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए।
मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, "यह एक अंतरिम आदेश है। हमें इस स्तर पर हस्तक्षेप क्यों करना चाहिए? हम आयुक्त की रिपोर्ट पर आपकी अन्य सभी आपत्तियों को खुला रखेंगे। हम यह नहीं कह रहे हैं कि यह स्वीकार्य है या इस पर भरोसा किया जाना चाहिए। इस पर...इस पर बहस की जा सकती है।" अदालत ने पूछा कि, "यह सर्वेक्षण एक रिपोर्ट के रूप में होगा। कल, यदि आप रखरखाव पर सफल होते हैं, तो यह सिर्फ कागज का टुकड़ा होगा। क्या हम ऐसे चरण में हैं जहां अपूरणीय क्षति होगी।"
अदालत ने सर्वेक्षण के लिए अपनी सहमति तब दी जब "वहां कुछ संकेत और प्रतीक स्पष्ट रूप से देखे गए थे। इसे वैज्ञानिक अध्ययन के माध्यम से निष्कर्ष तक पहुंचाना तर्कसंगत है। अदालत ने मुस्लिम पक्ष से यह भी पुछा कि, आपको सर्वे से दिक्कत क्या है। सुप्रीम कोर्ट से मुस्लिम पक्ष की याचिका ख़ारिज होने के बाद अब विवादित ज्ञानवापी परिसर का ASI सर्वे जारी रहेगा।
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