तुममे बुद्धि है या नहीं..! सबके सामने कांग्रेस मंत्री ने महिला कलेक्टर को लगाई फटकार, वायरल हुआ Video

तुममे बुद्धि है या नहीं..! सबके सामने कांग्रेस मंत्री ने महिला कलेक्टर को लगाई फटकार, वायरल हुआ Video
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हैदराबाद: तेलंगाना में एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस सरकार के राजस्व मंत्री पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी का महिला IAS अधिकारी पर गुस्सा निकालने का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। करीमनगर में आयोजित इस कार्यक्रम में मंत्री पोंगुलेटी ने जिला कलेक्टर पामेला सतपति को सैकड़ों लोगों के सामने फटकार लगाई। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री मनोहरलाल खट्टर भी मौजूद थे।  

 

यह घटना शुक्रवार, 25 जनवरी को घटी, जब विकास परियोजनाओं के उद्घाटन के लिए करीमनगर में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था। वीडियो में देखा जा सकता है कि मंत्री पोंगुलेटी ने प्रोटोकॉल के उल्लंघन को लेकर अपना आपा खो दिया और महिला कलेक्टर पर कड़ा रवैया अपनाते हुए कह दिया, "तुम क्या कर रही हो? क्या तुम्हारे पास कॉमन सेंस नहीं है?"

जब कलेक्टर पामेला सतपति ने स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की, तब भी मंत्री की नाराजगी कम नहीं हुई। उन्होंने जनता, अधिकारियों और अन्य नेताओं के सामने उन्हें सुनाना जारी रखा। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो अब सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है। सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर मंत्री पोंगुलेटी की जमकर आलोचना हो रही है। यूजर्स ने सवाल उठाए हैं कि क्या किसी महिला अधिकारी के साथ सार्वजनिक रूप से इस तरह का व्यवहार करना सही है? क्या यह सरकारी अधिकारियों के मनोबल को गिराने वाला नहीं है?  

बीआरएस नेता के. कविता ने भी इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने पोंगुलेटी के व्यवहार को "शर्मनाक और अस्वीकार्य" करार देते हुए कहा, "हमारे समाज में महिलाओं को इस तरह अपमानित करना कब तक चलता रहेगा?" महिला अधिकारी, जो जिले की कलेक्टर हैं, क्या उनके साथ ऐसा व्यवहार करना उचित था? प्रोटोकॉल का उल्लंघन चाहे हुआ हो या नहीं, क्या एक वरिष्ठ मंत्री को इस तरह सार्वजनिक रूप से फटकार लगाने का अधिकार है? यह सवाल इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि एक मंत्री से यह उम्मीद की जाती है कि वह अपने पद की गरिमा बनाए रखे और किसी भी मुद्दे को सम्मानजनक तरीके से संभाले।  

इस घटना के समय केंद्रीय मंत्री मनोहरलाल खट्टर भी मंच पर मौजूद थे। सवाल यह उठता है कि उनके सामने इस तरह का व्यवहार क्या तेलंगाना सरकार की छवि पर असर नहीं डालता? क्या यह एक राज्य मंत्री की जिम्मेदारी नहीं है कि वह अपने व्यवहार से उदाहरण पेश करे, न कि विवाद पैदा करे? जब हमारे देश में महिलाएं हर क्षेत्र में अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन कर रही हैं, तो उनके साथ ऐसा व्यवहार क्या संदेश देता है? क्या यह उन महिलाओं के लिए निराशाजनक नहीं है, जो प्रशासनिक सेवाओं में आकर देश की सेवा करना चाहती हैं?  

अब देखने वाली बात यह होगी कि तेलंगाना सरकार और मुख्यमंत्री इस पूरे मामले पर क्या रुख अपनाते हैं। क्या मंत्री पोंगुलेटी से इस आचरण पर कोई सफाई मांगी जाएगी? या फिर यह मामला समय के साथ ठंडा पड़ जाएगा, जैसा कि अक्सर होता है?  

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