हाथ के जरिये किसी का भी भविष्य जाना जा सकता है। जी दरअसल हाथ की रेखाओं से ना केवल मनुष्य के चरित्र और स्वभाव के बारे में पता चलता है बल्कि मनुष्य के भविष्य को लेकर भी कई बातें पता चलती हैं। इसी के साथ अपनी जिंदगी के तमाम पहलुओं के बारे में हस्त रेखा विज्ञान से जाना जा सकता है। जी दरअसल ऐसा माना जाता है कि हस्तरेखा शास्त्र का भारत में जन्म हुआ और यहां से यह विद्या चीन, तिब्बत, मिस्त्र और ईरान और यूरोप पहुंची। जी हाँ, कहा जाता है महान दार्शनिक अरस्तू ने इस विद्या से सिकंदर महान को अवगत कराया। कहा जाता है कि सिकंदर को हस्तरेखा विज्ञान में काफी दिलचस्पी हुई और उन्होंने अपने अधिकारियों के चरित्र का मूल्यांकन उनकी हस्तरेखा देखकर करना शुरू कर दिया था।
हालाँकि आज तक इस बात का स्पष्ट प्रमाण मौजूद नहीं है लेकिन कुछ लोगों का कहना है कि सिकंदर ने अपने हाथ की रेखाओं का गहन अध्ययन किया था और उसी के हिसाब से अपनी जिंदगी की रणनीतियां तैयार की थीं। आपको बता दें कि सिंकदर के हाथ में जो रेखाएं और निशान थे, वे आज तक किसी की हथेली पर नहीं पाए गए। कहते हैं दुनिया की कुल आबादी के केवल 3 % लोगों की हथेलियों पर ही ऐसा निशान पाया जाता है जैसा सिकंदर के हाथ में था। वहीं यूनिवर्सिटी ने करीब 20 लाख लोगों पर यह स्टडी कराई और डेटा इकठ्ठा किए। इस रिसर्च में यह निष्कर्ष निकाला गया कि जिन लोगों के हाथ पर यह क्रॉस का निशान था, वे या तो महान नेता थे या फिर समाज में काफी प्रभावशाली शख्सियतें। ऐसे लोगों का व्यक्तित्व करिश्माई होता है।
जी दरअसल सिकंदर महान के अलावा दुनिया के कई और महान नेताओं के हाथ में भी यह निशान था। इस लिस्ट में अमेरिका के राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन का नाम शामिल है और अगर वर्तमान की बात करें तो रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के हाथ में भी क्रॉस का निशान है। जी दरअसल ऐसे लोगों की छठीं ज्ञानेन्द्रिय बहुत काम करती हैं और ये किसी भी आने वाले खतरे, धोखे और विश्वासघात को भांप लेते हैं। केवल यही नहीं बल्कि इनका भाग्य इतना साथ देता है कि इन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकता है।
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