किचन स्क्रब की स्वच्छता न केवल बर्तनों की सफाई के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह आपके परिवार की सेहत के लिए भी बेहद जरूरी है। अक्सर, लोग महीनों तक एक ही स्क्रब का उपयोग करते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए जोखिम पैदा कर सकता है।
स्क्रब में बैक्टीरिया की वृद्धि
जब आप लंबे समय तक एक ही स्क्रब का इस्तेमाल करते हैं, तो इसमें भोजन के छोटे-छोटे कण चिपक सकते हैं। ये कण सड़ने लगते हैं और बैक्टीरिया की वृद्धि को बढ़ावा देते हैं। सामान्य रूप से, स्क्रब में ई. कोलाई और अन्य हानिकारक बैक्टीरिया पनप सकते हैं, जो स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न कर सकते हैं।
स्वास्थ्य जोखिम
फूड पॉइजनिंग:
स्क्रब में उपस्थित बैक्टीरिया जैसे कि साल्मोनेला, ई. कोलाई, और स्टैफिलोकोकस ऑरियस फूड पॉइजनिंग का कारण बन सकते हैं। इससे उल्टी, दस्त, पेट दर्द, और बुखार जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
त्वचा में जलन और संक्रमण:
गंदे स्क्रब का उपयोग करने के बाद अगर हाथ अच्छे से धोएं नहीं, तो त्वचा में जलन, चकत्ते, और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। खासकर यदि हाथों में पहले से चोट हो तो जोखिम और बढ़ सकता है।
श्वसन समस्याएं:
स्क्रब में मौजूद बैक्टीरिया सांस के जरिए फेफड़ों में जा सकते हैं, जिससे ब्रोंकाइटिस और निमोनिया जैसी श्वसन समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
स्क्रब कब बदलें
आपको किचन स्क्रब को हर 2 से 3 सप्ताह में बदलना चाहिए। यदि स्क्रब को लंबे समय तक नहीं बदला जाता, तो बैक्टीरिया के कारण गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल इंफेक्शन और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
स्क्रब की देखभाल
धूप में सूखा:
स्क्रब को गीला या गंदा छोड़ने के बजाय, इसे धूप में सूखाएं। इससे बैक्टीरिया की वृद्धि को कम किया जा सकता है।
सफाई और सुखाने:
बर्तन धोने के बाद, स्क्रब को अच्छी तरह से धोएं और सुखाएं। इससे स्क्रब में बैक्टीरिया के पनपने का जोखिम कम होगा।
किचन स्क्रब की सही देखभाल और नियमित बदलाव से न केवल आपके बर्तनों की सफाई बेहतर होगी, बल्कि यह आपके परिवार की सेहत के लिए भी सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।
सावधान...! यदि आप भी बारिश में करते है बाहर के फ़ूड का सेवन तो...
डस्टबिन से नहीं आएगी सड़न की गंदी बदबू, बस कचड़ा फेंकने से पहले अपना लें ये ट्रिक्स