भोपाल: राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने हाल ही में कहा कि, ''भारतीय संस्कृति की रोगों के उपचार से बेहतर उनकी रोकथाम की मान्यता, योग की संकल्पना और स्वच्छता की परंपराओं ने महामारी के बचाव में बहुत मदद की है।'' इसी के साथ उन्होंने कहा कि, ''पीडि़त मानवता के चेहरे पर मुस्कान लाने की सामथ्र्य केवल चिकित्सकों में ही है। वह ईश्वर का स्वरूप होते हैं। उन्होंने मानवता के समक्ष उपस्थित अभूतपूर्व संकट कोविड महामारी के दौरान चिकित्सकों की सेवाओं और भारतीय मूल के प्रवासी चिकित्सकों द्वारा भारत को दी गई चिकित्सा सहायता, सहयोग और मार्गदर्शन के लिए आभार व्यक्त किया।''
आप सभी को बता दें कि श्रीमती पटेल भारतीय मूल के चिकित्सकों के संगठन अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडियन ओरिजन (आपी) के 39वें सम्मेलन को बीते रविवार को लखनऊ राजभवन से वर्चुअली संबोधित कर रही थी। इस सम्मेलन में 500 से अधिक भारतीय मूल के चिकित्सक जुड़े थे। इस दौरान ही अपने संबोधन में राज्यपाल श्रीमती पटेल ने कहा, ''भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विशाल जनसंख्या के बावजूद सबके वैक्सीनेशन का कार्य तेजी से किया जा रहा है। आत्म-निर्भर भारत के तहत स्वास्थ्य के क्षेत्र में विकास और बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने के कार्य निरंतर किए जा रहे हैं। देश में वर्ष 2014 में मात्र छह एम्स मेडिकल संस्थान थे, जिनकी संख्या अब बढ़कर 15 हो गई है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में वर्ष 2021-22 में बजट आवंटन पूर्व की अपेक्षा में दो- गुना हो गया है।''
इसके अलावा उन्होंने कोविड महामारी के दौरान चिकित्सा क्षेत्र में हुई जीवन क्षति को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए, उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, ''मानवता के दुखों को कम करने और जीवन की रक्षा में चिकित्सक समुदाय की महत्वपूर्ण भूमिका है। अत: चिकित्सक अपने स्वास्थ का पूरा ध्यान रखें। चिकित्सा के क्षेत्र में हो रहे नित नए प्रयोगों के साथ निरंतर स्वयं को अपडेट करते रहे। अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के नागरिकों ने अपनी मातृ-भूमि से निरंतर संपर्क बनाए रखा है और वह भारत वासियों का निरंतर सहयोग करते रहते हैं।''
कमलनाथ के ट्वीट देख भड़के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, कही यह बात
विदेश मंत्री एस जयशंकर इस सप्ताह करेंगे रूस का दौरा
'हिंसा और क़त्ल करना 'हिंदुत्व' की सोच का हिस्सा, मुसलामानों की लिंचिंग इसी का नतीजा - ओवैसी