जयपुर। राजस्थान में शासकीय चिकित्सकों की हड़ताल आखिरकार समाप्त हो गई। चिकित्सक करीब 33 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर थे। हालांकि इतने दिनों तक सरकारी चिकित्सालयों में चिकित्सकों के नहीं पहुंचने से मरीजों को उपचार नहीं मिल पाया। उपचार न मिलने से लगभग 20 मरीजों ने दम तोड़ दिया। चिकित्सालयों में बदहाली का आलाम था। स्थिति यह थी कि ओपीडी में आने वाले मरीज घंटों तक चिकित्सकों का इंतज़ार करते रहते थे मगर चिकित्सकों के न मिलने से वे वापस लौट जाते थे।
वार्डस में भर्ती मरीजों को भी चिकित्सक देखने नहीं पहुंचे। आखिरकार सरकार के पक्ष और हड़ताली चिकित्सकों के बीच वार्ता हुई। यह वार्ता लगभग 9 घंटे तक चली थी। जिसके बाद दोनों ही पक्षों के बीच सहमति बन गई थी। ऐसे में डॉक्टरों के प्रतिनिधि अजय चैधरी ने हड़ताल समाप्ति की घोषणा कर दी थी।
चिकित्सकों द्वारा ग्रेड पे को 10 हजार रूपए तक किए जाने, एक पारी में चिकित्सालय चलाने आदि मांगें की गई थीं। चिकित्सकों का कहना था कि जब तक उनकी मांगें न मानी जाऐंगी तब तक वे हड़ताल पर रहेंगे। चिकित्सकों के हड़ताल पर जाने से सरकारी चिकित्सालयों में मरीजों की हालत खराब हो गई थी। मरीज बदहाल हो गए थे। कुछ मरीज जैसे - तैसे चिकित्सालयों में पहुंचे, काफी देर इंतजार करने पर भी जब चिकित्सक उन्हें देखने नहीं पहुंचे तो उन्हें निजी डिस्पेंसरीज़, निजी चिकित्सालयों की शरण लेनी पड़ गई।
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