नई दिल्ली : दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री गोपाल राय की रीढ़ की हड्डी में फंसी 17 साल पुरानी गोली को डॉक्टरों ने सफलता पूर्वक ऑपरेशन से निकाल दिया है। सर्जरी के बाद अपोलो अस्पताल के सीनियर सर्जन राजगोपाल कृष्णन ने कहा कि सर्जरी पूरी तरह सफल रहा। गोली निकाली जा चुकी है।
राय को फिलहाल कुछ दिनों के लिए आराम करने की सलाह दी गई है। अस्पताल में राय से मिलने एलजी नजीब जंग व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पहुंचे। बता दें कि 1992 में उतर प्रदेश में मंदिर मस्जिद विवाद व आरक्षण जैसे मुद्दों को लेकर हिंसक घटनाएं हुई थी।
तभी गोपाल राय नए-नए छात्र राजनीति में सक्रिय हुए थे। वो आईएएस की पढ़ाई छोड़कर समाजहित के कार्यो में जुट गए थे। इसी कड़ी में उन्हें आइसा का प्रदेश महासचिव और राष्ट्रीय पार्षद चुना गया। युवाओं के रोजगार और दंगो के विरोध के समर्थन में आंदोलन का हिस्सा बनें।
1997 में लखनऊ विश्वविद्दालय में महंगी शिक्षा एवं बढ़ते अपराधों को लेकर आमरण अनशन शुरु हो गया। इसके बाद सरकार झुक गई और 14 अपराधियों को निष्कासित कर दिया गया। निष्कासित किए जाने से गुस्साए अपराधियों ने गोपाल राय को धोखे से गोली मार दिया।