वॉशिंगटन: अभी अभी मिली जानकारी के मुताबिक कैलिफोर्निया में नेत्र डॉक्टरों की एक टीम ने एक असामान्य मरीज का इलाज किया. यह मरीज कोई और नहीं, बल्कि एक पश्चिमी तराई गोरिल्ला था. जंहा सैन डिएगो चिड़ियाघर के पशु चिकित्सकों के साथ काम करते हुए एक नेत्र सर्जन ने 10 दिसंबर 2019 को लेस्ली नामक 3 वर्षीय गोरिल्ला की बाईं आंख से मोतियाबिंद को सफलतापूर्वक हटा दिया. यह जानकारी चिड़ियाघर के अधिकारियों ने दी.
वहीं जब उनसे इस बारें में बात कि गई तो उन्होंने कहा कि चिड़ियाघर के चिकित्सा केंद्र में सर्जरी की गई थी और लेस्ली ठीक हो रही थी. सर्जन क्रिस हेइचेल ने इस पूरी प्रक्रिया को अंजाम दिया. उन्होंने कहा कि हजारों मानव रोगियों की आंखों की सर्जरी की उन्होंने की थी, लेकिन गोरिल्ला पर की गई यह उनकी पहली सर्जरी थी.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चिड़ियाघर द्वारा जारी एक बयान में उन्होंने कहा सौभाग्य से मानव और गोरिल्ला आंखों की शारीरिक रचना के बीच समानताएं होती हैं, जिससे हमें बिना किसी जटिलता के सुरक्षित रूप से ऑपरेशन करने में सुविधा हुई. जंहा आंख का शेष भाग स्वास्थ्य में दिखाई दिया, जो लेस्ली को बाकी जिंदगी में असाधारण दृष्टि क्षमता देगा. इस प्रक्रिया में लेस्ली की आंख के लेंस को हटाकर एक नया कृत्रिम लेंस सम्मिलित किया गया है, जिससे वह बाकी जिंदगी साफ तौर पर देख सके. लेकिन एक मोतियाबिंद आंख के रंगीन हिस्से के पीछे स्पष्ट लेंस में बादल की तरह जमा हो जाता है, जिसे आईरिस के रूप में जाना जाता है. वहीं यह भी कहा जा रहा है कि मोतियाबिंद आमतौर पर समय के साथ विकसित होते हैं, सामान्य उम्र बढ़ने की प्रक्रिया के हिस्से के रूप में. मगर, वे आंख के आघात के कारण भी हो सकते हैं. वहीं युवा गोरिल्ला के साथ खेलते हुए चोट लगने की वजह से मोतियाबिंद हुआ होगा.
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