अक्सर लोगों में यह धारणा होती है कि पंखे की स्पीड कम रखने से बिजली का बिल कम आएगा। लेकिन क्या यह सच में संभव है? आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से। पंखे की स्पीड कम करने से ऐसा माना जाता है कि बिजली की खपत घट जाएगी। लेकिन हकीकत में पंखा एक इलेक्ट्रिक मोटर से चलता है, और जब हम स्पीड कम करते हैं, तो हम केवल मोटर को धीमा चलने के लिए कहते हैं। इसका अर्थ यह नहीं है कि कम स्पीड में मोटर कम बिजली का उपयोग करेगी।
पुराने और नए पंखों में अंतर: पुराने पंखों में स्पीड कंट्रोल करने के लिए मैकेनिकल रेगुलेटर होते हैं। यह रेगुलेटर पंखे की गति घटाने के लिए मोटर में प्रतिरोध बढ़ाते हैं, जिससे कुछ बिजली की बचत हो सकती है। हालाँकि, यह बचत बहुत अधिक नहीं होती। वहीं, नए पंखों में इलेक्ट्रॉनिक रेगुलेटर लगे होते हैं जो पंखे की स्पीड को सीधे नियंत्रित करते हैं। इन रेगुलेटरों की खासियत यह है कि कम स्पीड पर भी बिजली की खपत में ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है। कुछ मामलों में तो बिजली की खपत थोड़ी बढ़ भी सकती है, क्योंकि रेगुलेटर भी अपनी प्रक्रिया में बिजली लेता है।
ऊर्जा दक्षता वाले पंखों का महत्व: आजकल ऊर्जा दक्ष पंखे (energy-efficient fans) बाजार में उपलब्ध हैं, जो कम बिजली का उपयोग करते हैं। इन्हें कम स्पीड पर चलाने से थोड़ी बिजली की बचत हो सकती है। इन पंखों का उपयोग करना ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है क्योंकि ये सामान्य पंखों के मुकाबले कम ऊर्जा का उपभोग करते हैं।
बड़े और छोटे पंखों में बिजली की खपत का अंतर: ध्यान देने वाली बात यह भी है कि बड़े पंखे अधिक बिजली का उपयोग करते हैं, जबकि छोटे पंखे अपेक्षाकृत कम बिजली खपत करते हैं। यदि कमरा बड़ा हो, तो बड़े पंखे की जरूरत पड़ती है, जिससे बिजली खपत बढ़ जाती है।
क्या वास्तव में कम स्पीड पर बिजली बचती है?: कम स्पीड पर पंखा चलाने से थोड़ी बहुत बिजली की बचत हो सकती है, लेकिन यह बचत बेहद कम होती है। यदि आप वाकई बिजली बचाना चाहते हैं, तो पंखा तभी चलाएं जब कमरे में कोई हो और अधिक ऊर्जा दक्ष पंखों का इस्तेमाल करें।
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