चंडीगढ़: हरियाणा के नूंह में सावन सोमवार को प्राचीन शिव मंदिर में जल चढ़ाने जा रही जलाभिषेक यात्रा पर हमले के कुछ दिनों बाद, अधिकारियों ने आज मंगलवार (8 अगस्त) को किसी भी तरह के व्यवधान को रोकने के लिए कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल को हिंसा प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। नूंह के पुलिस अधीक्षक (SP) नरेंद्र बिजारणिया ने बताया कि अनुमति देने से इनकार कर दिया गया है, क्योंकि जिले में अभी भी धारा 144 लागू है। SP बिजरानिया ने कहा कि, “प्रशासन पीड़ितों की मदद के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है, यदि कोई राजनीतिक दौरा होता है, तो प्रशासन का काम बढ़ जाएगा। स्थिति पूरी तरह सामान्य होने की ओर बढ़ रही है। किसी भी प्रकार के व्यवधान को रोकने के लिए, हम उनसे स्थिति पूरी तरह सामान्य होने के बाद अपनी यात्रा की व्यवस्था करने का अनुरोध कर रहे हैं।' पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख उदय भान के नेतृत्व में हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मंगलवार को नूंह जिले का दौरा करने वाले थे।
बता दें कि, 31 जुलाई को विश्व हिंदू परिषद (VHP) की जलाभिषेक यात्रा पर कट्टरपंथियों की भीड़ द्वारा पथराव और 'जानलेवा हमला' किए जाने के बाद नूंह में हिंसा भड़क गई थी, जिसके बाद दो होम गार्ड सहित छह लोगों की मौत हो गई थी। कांग्रेस की राज्य इकाई द्वारा सोमवार को जारी एक बयान में कहा कि, "हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी उदय भान के नेतृत्व में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को नूंह का दौरा करेगा जहां वह हिंसा प्रभावित पीड़ितों और क्षेत्र के लोगों से मुलाकात करेगा।" इसमें कहा गया है कि हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होंगे। इसमें कहा गया, "इस यात्रा का उद्देश्य क्षेत्र में शांति और भाईचारा फिर से स्थापित करना और सच्चाई का पता लगाना है।" कांग्रेस ने नूंह हिंसा की हाई कोर्ट के जज की निगरानी में न्यायिक जांच की मांग की है। बीजेपी-जेजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए हुड्डा ने कहा कि अगर उसने समय रहते और स्थिति की संवेदनशीलता को गंभीरता से लेते हुए 'उचित कदम' उठाए होते तो हिंसा नहीं होती।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाने में ''पूरी तरह विफल'' साबित हुई है। हुड्डा ने कहा, यह सुनिश्चित करने के लिए न्यायिक जांच जरूरी है कि मामले में दोषी बख्शे न जाएं और किसी निर्दोष व्यक्ति को कोई परेशानी न हो। हरियाणा कांग्रेस प्रमुख भान ने दावा किया कि नूंह मुद्दे पर मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के बीच समन्वय की कमी है। उन्होंने आगे कहा कि, ''मुख्यमंत्री कहते हैं कि पुलिस सभी को सुरक्षा प्रदान नहीं कर सकती है और गृह मंत्री कहते हैं कि वह हिंसा पर सवालों का जवाब नहीं दे सकते, ऐसी स्थिति में, राज्य के लोगों के सामने सवाल यह है कि कानून और व्यवस्था के लिए कौन जिम्मेदार है?'' भान ने कहा कि कांग्रेस भाजपा-जेजेपी सरकार को "लोगों के जीवन और संपत्ति के साथ-साथ राज्य के भाईचारे और सद्भाव के साथ खिलवाड़ करने की अनुमति नहीं देगी"।
बता दें कि, नूंह में दर्ज कराई गई FIR में अल्लाह-हु-अकबर और पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रही 400-500 दंगाइयों की भीड़ द्वारा जलाभिषेक यात्रा पर हमला करने का जिक्र है। ऐसे में कांग्रेस के प्रस्तावित दौरे पर बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि, क्या पार्टी के नेता नूंह में दंगाइयों से मिलने और उनका हालचाल जानने जा रहे थे ? ये सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि, हिंसा से प्रभावित हुए अधिकतर लोग जो जलाभिषेक यात्रा में शामिल थे, वो तो नूंह के बाहर के थे। 80 फीसद मुस्लिम आबादी वाले नूंह में तो उन लोगों पर हमला हुआ था, जो हरियाणा के विभिन्न हिस्सों से शिव मंदिर में जल चढ़ाने आए थे। ऐसे में नूंह जाकर कांग्रेस क्या सच्चाई पता करना चाह रही थी ? क्योंकि, जिस नूंह के लोगों ने जलाभिषेक यात्रा पर हमला किया, वहां प्रशासन अवैध अतिक्रमणों पर बुलडोज़र से कार्रवाई कर रहा था, जिस पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। जिस इलाके के लोगों ने श्रद्धालुओं पर हमला किया, वहां जाकर और उन लोगों से मिलकर कांग्रेस क्या सच्चाई पता लगाने जा रही थी ? यदि कांग्रेस, वहां जाकर हमले में शामिल लोगों से मिलती है, तो वो लोग पार्टी को क्या सच बताएंगे ? बहरहाल, कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल को दौरे की अनुमति नहीं दी गई है।