टोक्यो: आज के समय में बीमारी हो या कोई आपदा दोनों ही मानव जीवन पर संकट बन ही जाती है. जिसमे से एक है कोरोना वायरस यह एक ऐसी बीमारी है, जिसका अभी तक कोई तोड़ नहीं मिल पाया है. वहीं इस वायरस की चपेट में आने से 160000 से अधिक मौते हो चुकी है, जबकि लाखों लोग इस वायरस से संक्रमित हुए है. ऐसे में वैज्ञानिकों के लिए यह कहना जरा मुश्किल सा है कि इस बीमारी से कब तक निजात मिल पाएगा. लेकिन जापानी स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को बताया कि एक दिन पहले कोरोना वायरस के 568 नए मामले सामने आए, जिनसे घरेलू मामलों का कुल आंकड़ा बढ़कर 10,361 हो गया. इस वर्ष के प्रारंभ में टोक्यो के पास एक क्रूज जहाज से 712 अन्य लोगों को मिलाकर कुल मिलाकर 11,073 मामले सामने आए, जिसमें 174 मौतें हुईं. अमेरिका और यूरोप की तुलना में मामलों की संख्या अभी भी अपेक्षाकृत कम है.
जापान ने आखिरकार टोक्यो और अन्य जगहों पर अतिरिक्त परीक्षण केंद्र स्थापित करना शुरू कर दिया है, जिससे प्राथमिक देखभाल करने वाले डॉक्टरों को संदिग्ध रोगियों को सीधे परीक्षण केंद्रों में भेजने की अनुमति दी जा सकती है, बजाय इसके कि वे सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से पात्रता की जांच करें, बहुत से लोगों की परीक्षण और उपचार में देरी हुई थी.
विशेषज्ञों ने नोट किया है कि संक्रमण का पता लगाने के लिए क्लस्टर के बाद जाने की उनकी रणनीति अब बढ़ते मामलों से निपटने के लिए प्रभावी नहीं है और अधिक परीक्षणों की आवश्यकता है. प्रधान मंत्री शिंजो आबे ने गुरुवार को आपातकाल की स्थिति का विस्तार किया, जो कि जापान और जापान के सभी क्षेत्रों में छह अन्य शहरी क्षेत्रों तक सीमित था, इस चिंता के साथ कि देश भर में वायरस के फैलने से रोका जा सके, लेकिन अस्पतालों में पहले से ही रोगियों की संख्या बढ़ गई है.
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